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हिंद महासागर पर मालदीव बना रहा विश्व का पहला तैरता हुआ शहर, जानिए क्या हैं खासियतें

नई दिल्ली : ये दुनिया आश्चर्यों से भरी है। यहां का कोई शहर अपनी जीवनशैली के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है तो कोई शाॅपिंग के लिए। यही नहीं, दुनिया में एक और शहर ऐसा है, जिसे फ्लोटिंग सिटी (floating city) कहते हैं। ये शहर है वेनिस, जो इटली में है। 120 द्वीपों पर बसे इटली का वेनिस शहर में दुनियाभर से पर्यटक आते हैं। द्वीपों से घिरे होने के कारण वेनिस में सड़कें कम और नहरें ज्यादा हैं। लेकिन हाल ही में मालदीव ने एक ऐसा शहर बनाने की घोषणा की है, जो दुनिया का पहला तैरता शहर होगा, ये शहर हिंद महासागर में बनेगा और मालदीव शहर ये कई मायनों में वेनिस से अलग होगा। आइए जानते हैं इसकी खासियतें -

दुकान, स्कूल व रेस्टोरेंट की होगी सुविधा -

इस शहर में लोगों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए यहां दुकानें व रेस्टोरेंट भी खुलेंगे। इसके अलावा बच्चों के पढ़ने के लिए दूसरे शहरों की तरह ही इस फ्लोटिंग सिटी (floating city) में भी स्कूल होंगे। दुकान, रेस्टोरेंट और स्कूलों के अलावा यहां 5 हजार ऐसी चीजें होंगी, जो महासागर में तैरेंगी। कहा जा रहा है कि यहां करीब 20 हजार लोगों की रहने की व्यवस्था होगी और 2024 से लोग यहां आकर रह सकेंगे। वहीं, 2027 तक पूरे शहर का निर्माण हो जाएगा।

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भविष्य के लिए उपयोगी होगा फ्लोटिंग सिटी -

जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए दुनिया में फ्लोटिंग सिटी (floating city) का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। समुद्र में बढ़ते जलस्तर ने इंसानों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यही वजह है कि दुनिया के समुद्र किनारे बसे देश फ्लोटिंग सिटी (floating city) की विचारधारा को वास्तविकता का रूप देने में जुटे हैं। बता दें कि इस कड़ी में मालदीव के बाद दक्षिण कोरिया का शहर बुसान भी आता है, जहां फ्लोटिंग शहर बसाया जा रहा है। यह शहर 2025 तक आम लोगों के रहने के लिए बन जाएगा और यहां 12 हजार लोग रह सकेंगे। मालदीव के इस तैरते शहर में पहुंचने के लिए राजधानी माले से बोट के माध्यम से पहुंचा जा सकता है, जो केवल 10 मिनट में आपको इस तैरते हुए शहर में पहुंचा देगा।

जलस्तर के साथ उंचा होगा शहर -

इस फ्लोटिंग सिटी (floating city) की खास बात यह है कि इसे सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर ही बनाया जा रहा है। इस शहर को ऐसी तकनीक से बनाया जा रहा है कि भविष्य में समुद्र में जलस्तर के बढ़ने के साथ ही ये शहर भी उपर उठता जाएगा। इस शहर को मालदीव सरकार और डच डाॅकलैंड साथ मिलकर बना रही है। इस शहर को वाटर स्टूडियो के संस्थापक कोएन ओल्थुइस ने डिजाइन किया है। उनका कहना है कि इससे साबित हो सकेगा कि पानी पर सुरक्षित और किफायती घर बनाए जा सकते हैं।

कार नहीं, साइकिल से चलेंगे लोग -

खास बात है कि यहां आने व रहने वाले लोगों को कार चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। मालदीव द्वीपों के बीच बसा देश है और यहां के स्थानीय लोगों की परंपरा और इतिहास पानी से जुड़ा है। फ्लोटिंग सिटी से बोट कल्चर को बढ़ावा मिलेगा और सतह पर सफेद रेत पर लोग चलने के लिए पैदल, साइकिल व इलेक्ट्रिक स्कूटरों का इस्तेमाल कर सकेंगे।

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