मुंबईः महाराष्ट्र में सियासी (Maharashtra Politics) खेल के बाद विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष को लेकर महाविकास आघाड़ी (MVA) में मतभेद उभर गया है। कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष पर दावा किया है।विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने का अधिकार उनके पास है, वह संवैधानिक नियमों के तहत इस पद पर नियुक्ति करेंगे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नौ विधायकों के मंत्री पद की शपथ लेने के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। इससे पहले अजित पवार विधानसभा में विपक्ष के नेता थे, लेकिन रविवार को उन्होंने नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया और डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। वहीं रविवार देर शाम ही एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी की बैठक के बाद जीतेंद्र अव्हाड को नेता प्रतिपक्ष और मुख्य सचेतक नियुक्त करने का फैसला किया।
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रविवार को कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष संख्या के आधार पर तय किया जाता है। फिलहाल नेता प्रतिपक्ष के लिए सिर्फ कांग्रेस पार्टी के पास ही संख्या बल है। शिवसेना और एनसीपी के ज्यादातर विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं, इसलिए विधायकों की संख्या कम हो गई है। इस संबंध में संवैधानिक तरीके से निर्णय लिया जाएगा। इस तरह विधानसभा अध्यक्ष को लेकर महाविकास आघाड़ी में मतभेद उभर गया है। इस मुद्दे पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने नौ विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए उनके यहां याचिका दायर की है। अभी तक उन्होंने यह याचिका नहीं देखी है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को है. इस संबंध में वे जल्द ही संवैधानिक नियमों के तहत निर्णय लेंगे।
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