Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को खूंटी (सुरक्षित) संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे यह साफ हो गया कि इस बार भी चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही होगा, बाकी सभी राजनीतिक दल महज वोटकटवा साबित होंगे।
मुंडा आदिवासी बहुल खूंटी बीजेपी की पारंपरिक सीट मानी जाती है, जहां से पद्मभूषण कड़िया मुंडा आठ बार सांसद रह चुके हैं। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में अर्जुन मुंडा ने झामुमो समर्थित कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा को कड़े मुकाबले में महज 1445 वोटों के अंतर से हराकर संसद पहुंचे। 1962 और 1967 के लोकसभा चुनाव में झारखंड पार्टी के जयपाल सिंह मुंडा और 1971 में इसी पार्टी के निरल एनेम होरो (एनई होरो) ने यहां से जीत हासिल की थी।
दयामनी बारला को लेकर अटकलों का बाजार गर्म
बीजेपी ने जहां खूंटी से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है, वहीं कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। कुछ दिन पहले तक माना जा रहा था कि इस बार भी कांग्रेस काली चरण मुंडा पर ही दांव खेलेगी। 2019 के चुनाव में कालीचरण मुंडा अर्जुन मुंडा से महज 1445 वोटों से हार गये थे। दो बार के विधायक काली चरण मुंडा खूंटी के भाजपा विधायक और राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा के सगे भाई हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार रहीं दयामनी बारला कुछ दिन पहले ही कांग्रेस में शामिल हुई हैं। खूंटी समेत अन्य इलाकों में विस्थापन विरोधी नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली दयामनी बारला 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी जमानत भी नहीं बचा सकीं।
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दावे को क्यों मिला बल
दयामनी बारला को खूंटी संसदीय सीट से कांग्रेस का टिकट मिलने की अटकलों को तब बल मिला जब राहुल गांधी अपने खूंटी दौरे के दौरान किसी भी स्थानीय कांग्रेस नेता से नहीं मिले और गुमला जाने के क्रम में सुदूर गांव भालूटोली में रुककर दयामनी बारला से मुलाकात की। आधे घंटे तक बातचीत हुई। हालांकि खूंटी के कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी के स्वागत के लिए व्यापक तैयारी की थी, लेकिन न तो काली चरण मुंडा और न ही कोई अन्य नेता राहुल से मिल सके। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि दयामनी बारला ईसाई समुदाय से आती हैं और आदिवासियों के बीच उनकी अच्छी पकड़ है, इसलिए टिकट को लेकर दयामनी बारला की उम्मीदवारी को कम नहीं आंका जा सकता।
झारखंड पार्टी भी उम्मीदवार उतारेगी
झारखंड पार्टी खूंटी संसदीय सीट से भी अपना उम्मीदवार उतारेगी। इसकी घोषणा पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री एनोस एक्का पहले ही कर चुके हैं। इसके अलावा कई अन्य निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमाएंगे। इसके बावजूद यह तय है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होगा।
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