राजनीति मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024

Lok Sabha Elections 2024: पहले चरण में MP में कम मतदान ने बढ़ाई राजनीतिक दलों की चिंता

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भोपालः मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के पहले चरण का मतदान हो चुका है। इस चुनाव में मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव से कम रहा। इससे प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है। मतदान का कम प्रतिशत उनके लिए अबूझ पहेली बना हुआ है। राज्य में 29 लोकसभा सीटें हैं और चार चरणों में मतदान होना है।

पहले चरण में छह संसदीय क्षेत्रों छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, जबलपुर, शहडोल और सीधी में मतदान हुआ। यहां सामने आया वोटिंग प्रतिशत 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में कम है। प्रदेश की सबसे चर्चित सीट छिंदवाड़ा में इस बार 79।83 फीसदी मतदान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो यह 82.39 फीसदी और 2014 में 79.05 फीसदी था।

कहां कितने प्रतिशत हुआ मतदान

इस बार सीधी संसदीय क्षेत्र में मतदान प्रतिशत 56.50 प्रतिशत रहा जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में यह 69.50 प्रतिशत था। इसके अलावा साल 2014 में यहां वोटिंग प्रतिशत 56।86 फीसदी था। प्रथम चरण में शहडोल संसदीय क्षेत्र में मतदान प्रतिशत 64।68 प्रतिशत रहा, जबकि वर्ष 2019 में मतदान प्रतिशत 74.73 प्रतिशत था। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में 62.20 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।

जबलपुर संसदीय क्षेत्र में इस बार 61 फीसदी मतदाताओं ने अपने मतदान का प्रयोग किया, जबकि 2019 में यह 69।43 फीसदी था। जबकि 2014 में 58।53 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। मंडला संसदीय क्षेत्र में 72.84 फीसदी वोटिंग हुई, जबकि साल 2019 में 77.76 फीसदी वोटिंग हुई थी। साल 2014 में यहां 66.71 फीसदी वोटिंग हुई थी।

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बालाघाट संसदीय क्षेत्र में इस बार 73.45 फीसदी मतदान हुआ, जबकि साल 2019 में 77.61 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे। जबकि साल 2014 में 68.21 फीसदी वोटिंग हुई थी। राज्य के छह संसदीय क्षेत्रों में पहले चरण के मतदान में पिछले चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत कम रहने से राजनीतिक दल चिंतित हैं। सभी पार्टियों के नेता अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।

राजनीतिक दलों ने जताई चिंता

कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री मुकेश नायक का कहना है कि बीजेपी के कारण हुए दलबदल से उनकी पार्टी में असंतोष है। वोटिंग प्रतिशत कम होने का सीधा नुकसान बीजेपी को होने वाला है और पहले चरण में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही है।

मुकेश नायक के इस तर्क पर चुटकी लेते हुए बीजेपी नेता अजय सिंह यादव ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशियों से लेकर नेताओं तक ने चुनाव से पहले ही मान लिया है कि उनकी हार तय है। पहले चरण के चुनाव प्रचार में यह दिखा भी। कांग्रेस कार्यकर्ता प्रचार के लिए भी नहीं निकले। वोटिंग के दिन बूथ पर कांग्रेस के कोई एजेंट भी नहीं थे।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गारंटी अभियान में भी बीजेपी कार्यकर्ता जी-जान से जुटे रहे। कांग्रेस कार्यकर्ता वोट देने नहीं निकले और वोटिंग प्रतिशत कम होने का कारण भी यही है। बीजेपी का लक्ष्य हर बूथ पर 70 फीसदी वोट हासिल करना और पिछले चुनाव से वोटों की संख्या 370 तक बढ़ाना है। बीजेपी उम्मीदवार को डाले गए वोटों में से 70 फीसदी वोट मिलेंगे।

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