सोनभद्र: साढ़े पन्द्रह साल पूर्व लाठी-डंडे से मारकर की गई अधेड़ की हत्या के मामले में मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने सुनवाई की। कोर्ट ने आरोप सिद्ध होने के बाद दोनों भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाई है, साथ ही दोनों भाइयों रामविलास कोल व रामजी कोल पर 18-18 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने कहा कि अर्थदंड न देने की सूरत में दोनों आरोपियों को छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
वादी के मुताबिक, घोरावल थाना क्षेत्र के पुरना गांव के रहने वाले कप्तान गौड़ ने थाने में दी तहरीर में कहा गया कि 28 अक्टूबर 2007 को लगभग 7:30 बजे वह अपने भाई प्रभु गौड़ और भाभी प्रभावती से उनके दरवाजे पर कुछ बात कर रहा था। उसके भाई श्यामलाल की लड़की को बिच्छू ने काट काट लिया जिसे खनदेउर ले जाने के लिए मोटरसाइकिल लेने जा रहा था। तभी अपने दरवाजे पर बैठे सगे भाइयों रामविलास कोल व रामजी कोल ने गाली देते हुए कहा कि सड़क पर क्यों घूम रहा है। जब बताया कि भाई के लड़की को बिच्छू ने काट लिया है और उसे दवा दिलाने के लिए अपनी मोटरसाइकिल लेने जा रहा हूं। इतना सुनते ही दोनों ने गाली देते हुए कहा कि रुक अभी बताता हूं, ये कहकर दोनों ने बड़े भाई प्रभु को लाठी डंडे से पीटने लगे।
जब हम लोगों ने शोर मचाया तब दोनों वहां से फरार हो गए। हम लोगों ने भी उनका पीछा किया, तो सामने से आए पिता मदन को भी दोनों भाइयों ने लाठी डंडे से पीटा, जिससे गंभीर चोट लगने की वजह से पिता वहीं गिर पड़े। उन्हें तत्काल घोरावल सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जहां चिकित्सकों ने इलाज के बाद गंभीर हालत को देखते हुए वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। वाराणसी ले जाते समय ही पिता मदन की रास्ते में मौत हो गई। इस तहरीर पर 29 अक्टूबर 2007 को पुलिस ने घोरावल कोतवाली क्षेत्र के पुरना गांव निवासी सगे भाइयों रामविलास कोल व रामजी कोल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मामले की विवेचना किया।
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनकर, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर अरोप सिद्ध होने पर दोनों भाइको को म्रकैद की सजा सुनाई गई है।
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