Health, Social Media: सेहत को लेकर आजकल ज्यादातर लोग काफी ज्यादा सतर्क रहते हैं। खुद को फिट रखने के लिए वर्कआउट और डाइट को फॉलो करते हैं। लेकिन अब इसी बीच एक शोध में खुलासा हुआ है कि, रोजाना सिर्फ 30 मिनट कम सोशल मीडिया का इस्तेमाल मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा है।
आज के समय में सोशल मीडिया कई लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन गया हैं। सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। जब यूजर्स ऑनलाइन नहीं होते हैं तो उन्हें अपने नेटवर्क में होने वाली किसी अहम जानकारी के छूट जाने का डर रहता है। इसको फियर ऑफ मिसिंग आउट ‘फोमो’ कहा जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य को बना सकती है बेहतर
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जर्मनी में रुहर यूनिवर्सिटी बोचुम में मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान और उपचार केंद्र की एसोसिएट प्रोफेसर जूलिया ब्रिलोव्स्काया ने कहा है कि, ‘हमें शक है लोग सकारात्मक भावनाएं उत्पन्न करने के लिए सोशल मीडिया का यूज करते हैं। जिसकी कमी वो अपने दिनचर्या के कामकाजी जीवन में महसूस कर रहे हैं। शोध के अनुसार, सोशल मीडिया का कम इस्तेमाल करने से आपका मूड बेहतर हो सकता है। लेकिन ज्यादा समय तक रहने से ये अडिक्टिव व्यवहार को जन्म देता है। जिसका गलत प्रभास हमारी सेहत पर पहुंचता है।
बिहेवियर एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध में टीम ने इसका पता लगाने के लिए 1 प्रयोग शुरू किया। जिसमे कुल 166 लोगों ने हिस्सा लिया। जिसमे कई क्षेत्रों के लोगों ने कम और ज्यादा काम किया और बेरोजगार सोशल मीडिया के उपयोग पर हर दिन कम से कम 35 मिनट बिताए।
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मानसिक स्वास्थ्य में हुआ सुधार
इसके दो समूह बनाए गए, एक समूह ने अपनी सोशल मीडिया की आदतें नहीं बदलीं। दूसरे समूह ने बिताए जाने वाले समय को 7 दिनों के लिए हर रोज 30 मिनट कम कर दिया।
इस पर ब्रिलोव्स्काया ने कहा कि, इतने कम समय के बाद भी हमने पाया कि, जिस समूह ने सोशल मीडिया पर प्रतिदिन 30 मिनट कम बिताए उनकी नौकरी की संतुष्टि और मानसिक स्वास्थ्य में काफी ज्यादा सुधार हुआ है। इस समूह के लोगों को कम काम का बोझ महसूस हुआ। वे नियंत्रण समूह की तुलना में काम के प्रति अधिक प्रतिबद्ध थे। फोमो की उनकी समझ भी इसी तरह कम हो गई। प्रयोग की समाप्ति के बाद प्रभाव कम से कम एक हफ्ते तक रहा।
वहीं जिन प्रतिभागियों ने रोजाना सोशल मीडिया का उपयोग कम कर दिया था उन्होंने एक हफ्ते के बाद भी ऐसा करना जारी रखा।
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