
उदयपुरः राजस्थान के सीकर जिले के खंडेला में अधिवक्ता हंसराज द्वारा भ्रष्टाचार की व्यथा लिखने के बाद आत्मदाह करने के मामले में प्रदेश भर के वकीलों में आक्रोश फैल गया है। उदयपुर में भी बड़ी संख्या में आक्रोशित अधिवक्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और आत्मदाह के मामले में जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं, उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की। अधिवक्ताओं का आक्रोश इतना था कि उन्होंने एडीएम को कलेक्ट्रेट के गेट पर बुलवाकर ज्ञापन दिया।
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अधिवक्ता शुक्रवार सुबह जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ता और पुलिस आमने-सामने हो गए। इस दौरान दोनों में धक्कमपेल तक हो गई। आक्रोशित अधिवक्ता कलेक्ट्रेट के गेट पर चढ़ गए और बाहर लगे बेरिकेट्स भी खींच कर दूर ले गए। सभी अधिवक्ता जिला कलेक्टर को बाहर बुलाने की मांग पर अड़ गए और जमकर प्रदर्शन करते रहे। अधिवक्ताओं ने हंसराज को प्रताड़ित करने के आरोपित थानाधिकारी और एसडीएम के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है। बाद में एडीएम प्रशासन ओपी बुनकर ने बाहर आकर ज्ञापन लिया।
बार एसोसिएशन उदयपुर के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा, “भ्रष्ट अधिकारियों के कारण हमारे वकील को आत्महत्या करनी पड़ी।” हम ऐसे अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए एक अर्जी दाखिल करने गए थे। ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन तेज किया जाएगा। अधिकारियों को हमारी मांगों को सुना जाना चाहिए। अगर सरकार इन अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं करती है, तो आम आदमी को वह न्याय नहीं मिलेगा जो वह चाहता है। प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी वर्षों से यहां रह रहे हैं, क्या सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
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