हिमाचल में लैंडस्लाइड से 3 राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 415 सड़कें बाधित, कई जिलों में बिजली ठप्प

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Himachal Pradesh landslide
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शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण बंद सड़कों को खोलने का काम युद्धस्तर पर जारी है। हालांकि, सैकड़ों सड़कें बंद होने से लोगों को अब भी आवाजाही में काफी परेशानी हो रही है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार सुबह तक राज्य भर में भूस्खलन के कारण तीन राष्ट्रीय राजमार्ग और 415 सड़कें बाधित है।

इसके अलावा 253 बिजली ट्रांसफार्मर और 107 जलापूर्ति योजनाएं भी ठप हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि मंडी जिले में सबसे ज्यादा 217 सड़कें अवरुद्ध हैं। इसी तरह कुल्लू में 67, शिमला में 45, सोलन में 42, हमीरपुर में 14, चंबा में 10 और बिलासपुर व कांगड़ा में सात-सात सड़कें बंद हैं। मंडी में दो और कुल्लू में एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी अवरुद्ध है। भारी बारिश के कारण मंडी जिले में 140 ट्रांसफार्मर भी बंद पड़े हैं। कुल्लू में 45, शिमला में 34, चंबा में 20, हमीरपुर में 12 और कांगड़ा में दो ट्रांसफार्मर खराब हैं। मंडी जिले में 77 और शिमला में 24 जल योजनाएं ठप हैं। मौसम विभाग ने 21 से 23 अगस्त तक प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर शेष सभी 10 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 26 अगस्त तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। लोगों और पर्यटकों से नदी-नालों के किनारे न जाने की अपील की गई है। इसके अलावा भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की यात्रा करने से बचें।

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राज्य में मानसून के कारण हुई भारी क्षति को देखते हुए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश को राज्य आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में 24 जून को मानसून आया था। तब से अब तक बारिश संबंधी घटनाओं में 335 लोगों की जान जा चुकी है और 37 लोग लापता हैं। इनमें से 126 लोगों की मौत भूस्खलन और बाढ़ के कारण हुई है। बारिश से जुड़ी अन्य घटनाओं में 209 लोगों की मौत हो गई। मानसून के मौसम के दौरान, 2022 घर, 296 दुकानें और 4453 पशु शेड पूरी तरह से नष्ट हो गए, जबकि 9615 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। पिछले दो महीनों में राज्य में 113 स्थानों पर भूस्खलन हुआ और 58 स्थानों पर बाढ़ आई। राज्य के सरकारी विभागों को मानसून सीजन में 8014 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है।

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