लंदन: ब्रिटेन ने सोमवार को कोरोना महामारी से निपटने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका की संयुक्त पहल से बनी वैक्सीन से जुड़े टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत कर दी। सबसे पहले 82 वर्षीय डायलिसिस मरीज को इसका टीका लगाया गया।
रखरखाव प्रबंधक रहे ब्रायन पिंकर ने टीका लगवाने के बाद कहा कि वैक्सीन के ऑक्सफोर्ड में बनने पर उन्हें गर्व महसूस हो रहा है। उन्हें स्थानीय समयानुसार सुबह 7.30 बजे ऑक्सफोर्ड चर्चिल अस्पताल में टीका लगाया गया।
इस सप्ताह में ब्रिटेन में करीब 5 लाख लोगों को ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन दी जाएगी। वहीं अप्रैल तक 1 करोड़ को वैक्सीन दी जाएगी। दुनिया को ऑक्सफोर्ड की इस वैक्सीन से काफी उम्मीद है। फाइजर और मॉडर्ना की तुलना में यह सस्ती है और इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना एवं स्टोर करना आसान है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ का पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में परीक्षण के बाद निर्माण हो रहा है। इस वैक्सीन को भारत में आपात उपयोग की मंजूरी मिल गई है और जल्द ही इसका उपयोग भी शुरू होगा।
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ब्रिटेन में पहले से लग रहा है फाइजर का टीका
कोवीशील्ड को ब्रिटेन की दवा नियामक संस्था ने 30 जनवरी को सीमित आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। तब ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकाक ने कहा था कि 4 जनवरी से ऑक्सफर्ड की कोरोना वैक्सीन को लगाने का काम शुरू हो जाएगा। ऑक्सफर्ड की यह वैक्सीन काफी सस्ती है और इसे सामान्य फ्रिज में रखा जा सकता है जिससे इसे लगाना आसान है। ब्रिटेन ने पहले ही कोवीशील्ड के 10 करोड़ डोज का ऑर्डर दे रखा है। वहीं, अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर (Pfizer) के टीके को भी लाखों ब्रिटिश नागिरकों को लगाया जा चुका है।