इंदौर: मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में गत 10 अप्रैल को रामनवमी पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद पुलिस-प्रशासन ईद और अक्षय तृतीया पर्व को लेकर पूरी तरह सतर्क है। यहां मंगलवार को कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी गई है। दोनों पर्व पुलिस के साये में मनाए गए। ईद और अक्षय तृतीया एक साथ होने से पूरे शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बल तैनात किया गया है। मुस्लिम धर्मावलम्बियों ने ईद की नमाज अपने घरों पर अदा की और हिंदू धर्मावलंबियों ने अक्षय तृतीया व भगवान परशुराम जयंती पर धार्मिक अनुष्ठान भी अपने घरों पर ही किए।
खरगोन एसडीएम मिलिंद ढोके ने बताया कि मंगलवार को अलसुबह से ही पुलिस व जिला प्रशासन के वाहन शहर भर में गली गली घूम कर कर्फ्यू के प्रतिबंधों का पालन करने की अपील कर रहे हैं। वही इंदौर संभाग आयुक्त डा. पवन शर्मा और आईजी राकेश गुप्ता सर्किट हाउस में बैठकर शहर की गतिविधियों की जानकारी ले रहे हैं। अधिकारियों ने सुबह कुछ देर शहर में भ्रमण भी किया।
रामनवमी पर खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था। पांच दिन तक पूरा शहर बंद रहा। इसके बाद 15 अप्रैल से कर्फ्यू में दो-दो घंटे की ढील दी गई और इसके बाद धीरे-धीरे बढ़ाकर सुबह 8 से शाम पांच बजे तक किया गया। फिलहाल शहर की स्थिति सामान्य हो गई है, लेकिन मंगलवार को ईद और अक्षय तृतीया पर्व को देखते हुए यहां कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी गई। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। यहां किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। इंदौर संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा और आईजी राकेश गुप्ता शहर का भ्रमण कर कानून व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।
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शहर के सबसे ज्यादा निगरानी तालाब चौक, पहाड़सिंगपुरा, काजीपुरा, मोहन टॉकिज, गुरुव मोहल्ला, भावसार मोहल्ला आदि में की जा रही है। प्रभारी एसपी रोहित काशवानी ने बताया कि पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। खरगोन शहर में 1300 जवान तैनात किए गए हैं। ड्रोन से लगातार निगरानी रखी जा रही है। एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड सहित तमाम इमरजेंसी सेवाएं भी अलर्ट पर हैं।
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