Lucknow News : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को KGMU के 120वें स्थापना दिवस ( KGMU foundation day ) समारोह में कहा कि यदि डॉक्टरों का व्यवहार मरीजों के प्रति अच्छा होगा, तो नर्सिंग अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ का व्यवहार भी स्वाभाविक रूप से सुधरेगा। इस बयान को सुनकर वहां मौजूद लोग काफी उत्साहित हुए और तालियों से उनका स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट के समय असली पहचान सामने आती है। उन्होंने कोरोना काल का जिक्र करते हुए बताया कि उस समय कुछ डॉक्टरों ने स्वयं को क्वारंटाइन कर लिया था, जबकि स्थिति सामान्य थी। उन सभी डॉक्टरों की टीम का जांच कराई गई, जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद उन डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया और कोविड का दौर समाप्त होने तक उन्हें बहाल नहीं किया गया। इस दौरान कई लोग उन डॉक्टरों को बहाल करने की मांग कर रहे थे, लेकिन किसी को बहाल नहीं किया गया।
KGMU के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि कहा कि प्रदेश में चिकित्सा और मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है और इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट मशीनों की खरीद के लिए जारी किया गया है, जबकि पहले इस बजट का आंकड़ा 50 करोड़ रुपये था। इससे मरीजों की जांच और इलाज में महत्वपूर्ण सुधार होगा।
KGMU की कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने संस्थान की प्रगति रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में 19 लाख मरीज ओपीडी के जरिए आए, डेढ़ लाख मरीजों को भर्ती किया गया और लगभग एक लाख मेजर और माइनर ऑपरेशन किए गए। ट्रॉमा सेंटर में रोजाना लगभग 150 मरीजों को इलाज मिला, और एक साल में एक लाख से अधिक मरीजों का उपचार हुआ।
इसके अलावा, ट्रॉमा सेंटर में 24 घंटे मुफ्त इलाज के लिए एचआरएफ सेंटर खोला गया है। इस कार्यक्रम के दौरान एक विशेष पहल का भी उल्लेख किया गया, जिसमें मरीजों की समस्याओं को समझकर कानपुर वापस जाकर उसका तकनीकी समाधान तैयार किया गया और फिर इसे सफलतापूर्वक लागू किया गया।
66 मेधावी छात्रों को किया गया सम्मानित
KGMU के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुल 66 मेधावी छात्रों को पदक देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर 132 गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल वितरित किए गए, जिनमें से 53 छात्रों को गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल मिले, जबकि 13 छात्र ही पदक प्राप्त करने में सफल रहे।
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बच्चों की डॉक्टर बनना है सपनाः अंशिका खन्ना
KGMU के 120वें स्थापना दिवस पर MBBS डॉक्टर अंशिका खन्ना (Anshika Khanna) ने सबसे अधिक अवॉर्ड्स जीते हैं। प्रयागराज की रहने वाली Gold Medsilt डॉ. अंशिका बताती हैं कि डॉक्टर बनना उनका सपना नहीं, बल्कि उनके पापा का सपना था। वह चाहते थे कि अंशिका डॉक्टर बने। वह खुश हैं कि उन्होंने अपने पापा का सपना पूरा किया। डॉ. अंशिका अपने परिवार की पहली डॉक्टर हैं। उनके पापा बैंकर हैं और मां हाउसवाइफ हैं, जबकि उनका एक छोटा भाई भी है।
Anshika Khanna जो बच्चों की डॉक्टर (पीडियाट्रिशियन) बनना चाहती हैं, गायनी में सिल्वर मेडल प्राप्त करने में सफल रही हैं, हालांकि उनके पीडियाट्रिक्स में नंबर कम हैं। इंडिया पब्लिक खबर से बातचीत में अंशिका खन्ना ने स्वीकार किया कि सबको अवॉर्ड प्राप्त करना दिखाई देता है लेकिन इसके पीछे की मेहनत किसी को दिखाई नहीं देती। अवार्ड पाना तक बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाता है जब आपका मुकाबला बहुत टैलेंटेड साथियों से होता हैं। जब आपकी मेहनत सफल होती है तो अच्छा अनुभव होता है।
अवार्ड मिलने पर मुझे भी ऐसा ही महसूस हो रहा है। डॉ. अंशिका कहती हैं कि उनका लक्ष्य बच्चों की डॉक्टर बनने का है और इसके लिए वह पीजी भी इसी स्पेशियलिटी में करना चाहती हैं। डॉ. अंशिका का मानना है कि डॉक्टरों के लिए लॉन्ग ड्यूटी ऑवर्स एक बड़ा चौलेंज होता है। उनका कहना है कि इस चुनौती को मैनेज करना और ऐसी परिस्थितियों में भी मरीजों की मदद करना ही सबसे बड़ी मुश्किल है।
(रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान)