Kannauj: पत्नी की बेवफाई बर्दाश्त नहीं कर सका पति, प्रेमी व मासूम के साथ उतारा मौत के घाट

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कन्नौजः जिले के तिर्वा तहसील के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र अन्तर्गत टूडपुरा गांव में एक व्यक्ति ने पत्नी उसके प्रेमी और छह माह की मासूम बच्ची को डंडे और चाकू से गोदकर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी ने खुद ही घटना की जानकारी पुलिस और गांववालों को दी। घटना के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। मिली जानकारी के अनुसार तिर्वा तहसील के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के टूडपुरा गांव का रहने वाला मनोज जाटव ने अपनी पत्नी पिंकी उर्फ राधा जाटव (35), उसके प्रेमी सत्येंद्र शाक्य (28) और छह महीने की बेटी लीची को अपने घर बुलाया। इसके बाद सभी खाना खाने के बाद सोने चले गये। मनोज ने सोते समय पहले सभी पर डंडे से हमला किया और फिर चाकू से गोदकर तीनों की निर्मम हत्या कर दी।

घटना को अंजाम देने के बाद मनोज गांव में चिल्लाते हुए भागा कि मैंने तीनों की हत्या कर दी और गांव से करीब 500 मीटर दूर थाने जा पहुंचा। मनोज ने थाने में आकर भी यही बात कही। इस पर थानाध्यक्ष किशनपाल ने आरोपी को हिरासत में ले लिया और फिर घटनास्थल पर पहुंचे। जहां चारपाई और तख्त पर तीनों के शव मृत अवस्था में पड़े थे। सूचना पर अपर पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद कुमार भी मौके पर पहुंचे और छानबीन की। अपर पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि मनोज जाटव ने 14 साल पूर्व इटावा की पिंकी उर्फ राधा जाटव (35) के साथ लव मैरिज की थी। मनोज और पिंकी के दो बच्चे एक बेटी और एक बेटा हैं। परिवार का भरण पोषण करने के लिए मनोज लकड़ी की ठेकेदारी करने लगा।

मनोज ने अपनी पत्नी को मैनपुरी में ही ब्यूटी पार्लर की दुकान खुलवा दी। इसी दौरान पिंकी का मैनपुरी के रहने वाले सत्येंद्र शाक्य (28) से नजदीकियां बढ़ने लगी और दोनों में प्रेम संबंध बन गए। इसके बाद पिंकी दो बच्चों और पति को छोड़कर प्रेमी सत्येंद्र के साथ रहने लगी। मनोज ने पिंकी को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वह उसके साथ वापस आने के लिए राजी नहीं हुई। परेशान होकर मनोज बेटे और बेटी को लेकर वापस लौट आया। तकरीबन छह माह पूर्व पिंकी और उसके प्रेमी सत्येंद्र से एक बेटी का जन्म हुआ। आरोपी मनोज ने बताया कि पिछले कुछ समय से पिंकी मोबाइल से बच्चों का हालचाल लेने लगी थी। मैंने भी बच्चों से बात करने पर उसे नहीं रोका।

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इसके बाद उसने पिंकी को यह भरोसा दिलाया कि उसे पिंकी और सत्येंद्र के रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं है। वह जब चाहे अपने बच्चों से मिलने घर आ सकती है। मनोज की बात सुनकर पिंकी ने उस पर भरोसा कर लिया और सत्येंद्र के साथ इंदरगढ़ अपने बच्चों से मिलने पहुंच गयी। पिंकी को इस बात की भनक भी नहीं थी कि मनोज के दिमाग में खौफनाक साजिश चल रही है। जब पिंकी सत्येंद्र और छह माह की बच्ची लीची के साथ मनोज के घर पहुंची तो मनोज ने उन लोगों को रात में घर पर ही रूकने के लिए राजी कर लिया।

इसके बाद खाना खाने के बाद सभी सोने के चले गये। देर रात मनोज ने पिंकी और सत्येंद्र के सिर पर डंडो से ताबड़तोड़ वार कर घायल कर दिया। इससे पहले की दोनों वहां से भागते मनोज ने चाकू से गोदकर दोनों को मौत के घाट उतार दिया। मनोज के अंदर की आग यही नहीं बूझी उसने दोनों की छह माह के मासूम बेटी लीची को डंडो से पीटकर मार डाला। इंदरगढ़ कस्बे में नुमाइश लगी हुई है और लाउड स्पीकर की तेज आवाज के चलते लोगों की चीखें पड़ोसियों को नहीं सुनाई दी। मनोज ने दर्दनाक तरीके से तीनों की हत्या कर गांव और थाने में खुद ही घटना की जानकारी दी।

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