रांचीः झारखंड में हर महीने 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त (free electricity) कर दी गई है, जो उपभोक्ता 100 यूनिट या उससे कम बिजली की खपत करते हैं, उन्हें किसी तरह का बिल नहीं चुकाना होगा। राज्य सरकार के कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को सहमति दे दी है। 100 से ज्यादा और अधिकतम 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को राज्य सरकार सब्सिडी देगी, लेकिन 400 यूनिट से ज्यादा खपत करने वालों को 6.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल का भुगतान करना होगा।राज्य में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 32 लाख है, जो एक महीने में महज 100 यूनिट तक बिजली खपत करते हैं। इनमें लगभग 27 लाख ग्रामीण उपभोक्ता हैं।
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गौरतलब है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 2019 के चुनाव में 100 यूनिट तक की बिजली का शुल्क माफ करने का वादा किया था। सरकार बनने के लगभग ढाई साल बाद वादे को धरातल पर उतारने का फैसला लिया गया है। झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के कुल उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 49 लाख है। इनमें पचास हजार के करीब कर्मिशयल उपभोक्ता हैं, जो इस दायरे में नहीं आते। उपभोक्ताओं को सौ यूनिट फ्री (free electricity) देने पर राज्य सरकार पर बोझ बढ़ेगा। सरकार उपभोक्ताओं को दी जाने वाली छूट की राशि जेबीवीएनएल को सब्सिडी की तौर पर देगी।
यूनिट दर : प्रति यूनिट ( रुपये में)
100 यूनिट : 00 : 00
101-200 यूनिट : 3.50 : 75
200-400 यूनिट : 4.20 : 75
400 से अधिक : 6.25 : 75
फिलहाल सरकार शहरी उपभोक्ताओं के लिए लगभग साढ़े छह करोड़ और ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए लगभग 38 करोड़ की राशि प्रतिमाह सब्सिडी के तौर पर देती है। योजना लागू होने पर सरकार शहरी उपभोक्ताओं के लिए लगभग 16 करोड़ और ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिये 60 करोड़ सब्सिडी निगम को देगी। ऐसे में सरकार पर लगभग 30 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। इस योजना के लागू होने पर पूर्व की तरह चार सौ यूनिट से अधिक बिजली खपत पर सब्सिडी का प्रावधान नहीं है। ऐसे में सौ यूनिट से अधिक और चार सौ यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी में राहत मिलेगी।
55 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
बता दें कि, मंत्रिमंडल ने कुल 55 प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इनमें खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को एक रुपये प्रति माह की दर से एक किलो चना दाल उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी शामिल था। इसके अलावा गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज भी मिलेगा। मंत्रिमंडल ने इसके साथ ही मनरेगा मजदूरी के तहत 27 रुपये अतिरिक्त देने के प्रस्ताव को भी स्वाकृति दी। इससे झारखंड में एक मनरेगा मजदूर को न्यूनतम 237 रुपये मजदूरी मिलेगी। राज्य में निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार के नियमों को भी मंजूरी दी। कानून के मुताबिक निजी कंपनियों को रोजगार में स्थानीय लोगों को 75 फीसदी आरक्षण देना है।
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