रांची: झारखंड सरकार राज्य के ट्रांसजेंडरों को 1000 रुपये प्रति माह पेंशन (transgender pension) देगी। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है, अब इसे कैबिनेट को भेजने की तैयारी की जा रही है। लाभार्थियों का चयन करने के बाद सरकार पेंशन की राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजेगी। मंत्री जोबा मांझी और विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस योजना के शुरू होने से राज्यभर के लगभग 14 हजार ट्रांसजेंडरों को इसका लाभ मिलेगा।
पिछले वर्ष के चालू वित्तीय बजट में यह प्रावधान नहीं किया गया था। लेकिन इस वर्ष के पूरक बजट में ट्रांसजेंडर पेंशन (transgender pension) के लिए प्रावधान किया जाएगा। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में ट्रांसजेंडरों की संख्या 11,900 थी, जो अब बढ़कर 14,000 हो गई है। सरकार के मुताबिक, ट्रांसजेंडरों के पुनर्वास और उन्हें मुख्यधारा में लाने के मकसद से यह योजना शुरू की जा रही है। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में सरकारी तंत्र में शामिल किया गया है, लेकिन फिर भी उन्हें समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। इस समुदाय के अधिकांश लोग अभी भी शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
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पेंशन के लिए जरूरी बातें
- महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अनुसार, इस योजना का लाभ लेने के लिए किन्नरों की उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए और उनके पास आधार कार्ड होना चाहिए।
- एक्ट 2019 के तहत जिला उपायुक्त स्तर से प्रमाणित लोगों को ही ट्रांसजेंडर माना जाएगा।
- इस योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले ट्रांसजेंडर को आवेदन करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में उन्हें बीडीओ और शहरी क्षेत्रों में अंचल अधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होगा।
- आवेदन करते समय इन आवेदकों को अपना आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासबुक, ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज जमा करने होंगे।
- जो लोग पहले से किसी अन्य पेंशन योजना का लाभ ले रहे हैं उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
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