जम्मूः खराब मौसम के चलते गृहमंत्री अमित शाह का राजौरी दौरा रद्द हो गया है। इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू से राजौरी के डांगरी में आतंकी हमलों के पीड़ित परिवारों से फोन के माध्यम से बात करके उनका हाल जाना तथा दर्द बांटा। गृहमंत्री ने पीड़ित परिवारों को आश्वासन दिया कि उनके साथ पूरा इंसाफ होगा और हमलों में शामिल आतंकियों को जल्द से जल्द मार गिराया जाएगा। उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर तरह की मदद का भी आश्वासन दिया।
ये भी पढ़ें..शरद यादव के निधन पर बिहार में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा
इससे पहले शुक्रवार दोपहर गृहमंत्री अमित शाह जम्मू पहुंचे, जहां पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्हें राजौरी के डांगरी में आतंकी हमलों के पीड़ितों के साथ मुलाकात करनी थी, लेकिन खराब मौसम के चलते उनका हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया। इसके बाद गृहमंत्री सीधा जम्मू स्थित राजभवन पहुंचे, जहां पर उनकी अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की गई। बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, डीजीपी दिलबाग सिंह, एनआईए तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के उच्च अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के बाद भी जब खराब मौसम के चलते गृहमंत्री अमित शाह का हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया, तो उनका राजौरी दौरा रद्द कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने फोन के जरिए राजौरी हमलों के पीड़ितों से बात की। राजौरी पहुंचने पर गृह मंत्री अमित शाह पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद परिवारों के सदस्यों को नौकरी के नियुक्ति पत्र व सहायता राशि देने वाले थे। गृहमंत्री को राजौरी में एक उच्च स्तरीय बैठक करके जिले की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी करनी थी।
दरअसल, एक जनवरी की रात को राजौरी जिले के डांगरी गांवों में आतंकियों के हमले में चार लोगों की मौत हो गई थी और 10 लोग घायल हो गए। इसके बाद 24 घंटे के भीतर अगली सुबह आतंकी हमले में मारे गए लोगों में से एक दीपक कुमार के आंगन में एक आईईडी फटा, जिसमें दो बच्चों की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए। इसी बीच दो दिन पहले हमले में घायल और जेएमसी जम्मू में उपचाराधीन प्रिंस की मौत हो गई, जिससे इन हमलों में मरने वालों की संख्या सात हो गई।
इसी बीच, केंद्र ने इन हमलों का कड़ा संज्ञान लेते हुए राजौरी व पुंछ में सीआरपीएफ की 18 कंपनियां भेजी हैं, जो सुरक्षा को मजबूत करने के साथ ही आतंकियों को मार गिराने के लिए अन्य सुरक्षा बलों की मदद करेंगी। दूसरी तरफ, आतंकी हमले वाले दिन से ही सेना, एसओजी, पुलिस, सेना के खोजी कुत्तों की टीम आतंकियों को मार गिराने के लिए अभियान चला रही है। इसमें हेलीकॉप्टर तथा ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। अभी तक पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की है। अब प्रशासन की ओर से राजौरी व पुंछ जिलों के कई इलाकों में आम लोगों तथा पूर्व सैनिकों को हथियार व कारतूस दिए जा रहे हैं। इस दौरान सेना व सीआरपीएफ इन सभी को प्रशिक्षण दे रही है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)