नई दिल्लीः देश-दुनिया के इतिहास में 26 फरवरी तमाम अहम कारणों से दर्ज है। इस तारीख (26 फरवरी 2019) को भारतीय वायुसेना के जबाजों ने रात के अंधेरे में पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसी के साथ ही 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी CRPF के 78 जवानों के काफिले हुई हमले का बादल लिया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। भारतीय सेना द्वारा किए गए इस सर्जिकल स्ट्राइक में बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी, उनको प्रशिक्षण देने वाले संगठन के बड़े कमांडर और फिदायीन हमलों के लिए तैयार हो रहे जिहादियों को मार गिराया था। भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान पर किए सर्जिकल स्ट्राइक के आज चार पूरे हो गए है।
दरअसल 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 78 वाहनों के काफिले को आतंकियों ने विस्फोट कर निशाना बनाया। इस विस्फोट में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस पर पूरा देश गम और गुस्से में डूब गया था। इसी बीच पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ले ली। यह लोकसभा चुनाव का समय था तो माहौल में और ज्यादा ही गहमागहमी थी।
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ऐसे भारत ने धैर्य से काम लिया और दो सप्ताह के अंदर 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना के 12 मिराज-2000 विमानों ने रात के अंधेर में नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान के पूर्वोत्तर इलाके खैबर पख्तूनख्वाह के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। इस हमले के लिए भारतीय वायुसेना ने मिराज-2000 के साथ-साथ सुखोई एसयू-30 का भी इस्तेमाल किया था।
इस स्ट्राइक में बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी, उनको प्रशिक्षण देने वाले, संगठन के बड़े कमांडर और फिदायीन हमलों के लिए तैयार हो रहे जिहादियों को खत्म कर दिया गया था। उरी और बालाकोट एयरस्ट्राइक, इन दो हमलों के जरिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि अब इस्लामाबाद की हर हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
क्या होती है सर्जिकल स्ट्राइक
दरअसल सर्जिकल स्ट्राइक सेना के द्वारा किया जाने वाला विशेष प्रकार का हमला होता है। इसमें समय, स्थान, जवानों की संख्या सहित आम लोगों का नुकसान न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाता है। अगर सर्जिकल स्ट्राइक वायुसेना कर रही है तो उसकी कोशिश रहती है कि सटीक बमबारी की जाए और आसपास की इमारतों या जान माल का कम से कम नुकसान हो। बालाकोट के ऑपरेशन बंदर से कम नुकसान एक ऐसा हवाई हमला था।
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