नई दिल्ली: मणिपुर में शांति बहाली के लिए भारतीय सेना सक्रिय हो गई है। दो दिवसीय दौरे पर आए पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने शांति बहाल करने के लिए वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ मौजूदा स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह से भी बातचीत की। भारतीय सेना ने हाल ही में दर्ज की गई एफआईआर पर असम राइफल्स का बचाव करते हुए इसे उसकी छवि खराब करने की मनगढ़ंत कोशिश करार दिया है।
पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता 09 और 10 अगस्त को मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह से बातचीत की। उन्होंने वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की, ताकि शांति बहाल करने के उपाय किये जा सकें। सेना कमांडर ने विष्णुपुर, चुराचांदपुर और मंत्रीपुखरी का दौरा किया और मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। जनरल कलिता ने नागरिक समाज संगठनों और प्रतिष्ठित हस्तियों से भी बातचीत की और राज्य में सामान्य स्थिति लाने में उनकी भूमिका पर जोर दिया। सेना ने एक बयान में कहा है कि मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स को बदनाम करने की मनगढ़ंत कोशिश की है। असम राइफल्स के खिलाफ 5 अगस्त को पुलिस में दर्ज की गई एफआईआर पर भारतीय सेना ने असम राइफल्स का बचाव किया है। इस एफआईआर में पुलिस ने असम राइफल्स पर कथित कुकी उग्रवादियों का पीछा करते समय उनका रास्ता रोकने का आरोप लगाया है।
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एफआईआर में दावा किया गया है कि इन हथियारबंद आतंकियों ने कई दिन पहले तीन लोगों की हत्या कर दी थी, इसलिए उन्हें घेरने के लिए उनका पीछा किया जा रहा था लेकिन असम राइफल्स रोड़ा बन गई। एक बयान में, सेना की स्पीयर कोर ने कहा कि कुछ शत्रुतापूर्ण तत्वों ने केंद्रीय सुरक्षा बलों, विशेष रूप से असम राइफल्स की भूमिका, इरादे और अखंडता पर हमला किया है, जो मणिपुर में लोगों की जान बचाने और शांति बहाल करने के लिए 3 मई से अथक प्रयास कर रहे हैं। सवाल उठाने की बार-बार असफल कोशिशें की हैं। असम राइफल्स हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति बहाल करने में लगी हुई है। सेना ने कहा कि वह असम राइफल्स के साथ संघर्षग्रस्त मणिपुर में हिंसा को बढ़ावा देने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।
सेना ने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि मणिपुर में जमीन पर स्थिति की जटिल प्रकृति के कारण, विभिन्न सुरक्षा बलों के बीच सामरिक स्तर पर कभी-कभी मतभेद होते हैं। सेना ने कहा कि मई में संकट शुरू होने के बाद से सेना की एक पैदल सेना बटालियन उस क्षेत्र में तैनात है जहां से असम राइफल्स को हटाने की कहानी बनाई गई है। बयान में भारतीय सेना और असम राइफल्स की ओर से मणिपुर के लोगों को आश्वासन दिया गया है कि हम अस्थिर माहौल में हिंसा को बढ़ावा देने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए अपने कार्यों में दृढ़ रहेंगे।
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