नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से सोमवार को दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में मुलाकात की। दोनों रक्षा मंत्रियों ने रक्षा सहयोग पर उपयोगी और पर्याप्त द्विपक्षीय चर्चा की। भारत ने रूस के साथ अपनी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को महत्व दिया। सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-एम एंड एमटीसी) की बैठक से पहले राजनाथ सिंह ने अपने रूसी समकक्ष जनरल सर्गेई शोइगु का स्वागत किया। रक्षा मंत्री ने सर्गेई शोइगु से मुलाकात के बाद ट्वीट करके कहा कि रूस के मजबूत समर्थन की भारत दिल से सराहना करता है। हमें उम्मीद है कि हमारे सहयोग से पूरे क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता आएगी। वार्ता के दौरान छोटे हथियारों और सैन्य सहयोग से संबंधित कई समझौतों, अनुबंधों, प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए। रूसी रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु के साथ रक्षा सहयोग पर उपयोगी और पर्याप्त द्विपक्षीय चर्चा हुई है। रूस के साथ भारत अपनी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को महत्व देता है।
बैठक में कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है जिनमें समय से पांचों अत्याधुनिक एस-400 मिसाइल सिस्टम की सप्लाई करने और इसी माह आने वाली दो प्रणालियों की तैनाती में प्रभावी तरीके से मदद पहुंचाना आदि शामिल हैं। भारत ने रूस के साथ पांच एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 खरीदने के लिए 5.43 बिलियन डॉलर यानी 40,000 करोड़ रुपये में सौदा किया था। भारतीय वायुसेना को एस-400 ‘ट्रायम्फ’ मिसाइल की कुल पांच रेजीमेंट (फ्लाइट) मिलनी हैं। हर फ्लाइट में आठ लॉन्चर हैं और हर लॉन्चर में दो मिसाइल हैं। भारत इसके लिए 2019 में 80 करोड़ डॉलर की पहली किश्त का भुगतान भी कर चुका है।
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इसके अलावा रूसी असॉल्ट राइफल एके-203 डील को अंतिम रूप देने को लेकर भी बातचीत की गई, ताकि मोदी-पुतिन की मौजूदगी में इस पर दस्तखत हो सकें। केंद्र सरकार ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से दो दिन पहले भारत में एके-203 राइफलों का निर्माण करने को मंजूरी दे दी है। रूस के सहयोग से उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्टरी में पांच लाख से अधिक इन असॉल्ट राइफलों का उत्पादन किया जाएगा। आज ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर वार्ता भी होनी है, जिसमें रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा और तकनीक के अहम क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर मुहर लगने की संभावना है।
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