Wednesday, December 18, 2024
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Homeटॉप न्यूज़मैगजीन पढ़कर आया आईडिया, आज हैं एक सफल उद्यमी

मैगजीन पढ़कर आया आईडिया, आज हैं एक सफल उद्यमी

लखनऊ: महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। सिर्फ खेल-कूद ही नहीं बल्कि अब हर क्षेत्र में वो पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। व्यापार और उद्यम के क्षेत्र में भी महिलाएं लगातार आगे आ रही हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही सफल महिला उद्यमी के बारे में बताएंगे, जिन्हें सिर्फ मैगजीन में एक ऐड देख कर बिजनेस का आईडिया आया और आज वो देश की एक सफल उद्यमियों में गिनी जाती हैं। हम बात कर रहे हैं ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल लाइम रोड की संस्थापक सुची मुखर्जी की। जानते हैं उन्होंने कैसे की इसकी शुरूआत।

ऐसे आया बिजनेस का आईडिया

1973 में जन्मीं सुचि मुखर्जी हरियाणा के मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन की। जिसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए फॉरेन गईं। जहां लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पोस्ट ग्रेजुएशन की। पढ़ाई पूरी होने के बाद सुची ने लेहमन ब्रदर्स कंपनी में बतौर सीनियर एसोसिएट के रूप में पहली नौकरी की। इसके बाद उन्होंने कई कंपनियों में अपनी सेवाएं दीं और अनुभव हासिल किया। जिनमें स्काइप और ईबे तथा गुमत्री जैसी कंपनियां शामिल हैं। इस बीच सुची के उद्यमी बनने की कहानी भी काफी रोचक है। सुची को बिजनेस का आईडिया एक मैगजीन पढ़ते समय एक ऐड देख कर आया। दरअसल, लंदन में सुचि एक दिन मैग्जीन पढ़ रहीं थीं। उसमें उन्होंने ज्वैलरी देखी और उसे खरीदना चाहा, लेकिन वह भारत में मुंबई की छोटी दुकानों पर उपलब्ध थी।

अब इतनी दूर से उसे खरीद पाना संभव नहीं था। इस वाकये ने सुचि को सोचने पर मजबूर कर दिया कि ऐसी कोई कंज्यूमर टेक्नोलॉजी नहीं है जिससे कि अच्छी एसेसरीज और प्रोडक्ट्स को आसानी से पाया जा सके। भारत में निर्मित लाइफ स्टाइल से संबंधित प्रोडक्ट्स को स्वदेश और विदेश में बैठकर देखने और खरीदने का कोई प्लेटफॉर्म नहीं था, जबकि उत्पादन की दृष्टि से भारत दुनिया का बड़ा हब है। सुचि ने महसूस किया कि दुनिया भर में लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स का तकरीबन 20 करोड़ डॉलर का कारोबार है, लेकिन भारत की इसमें हिस्सेदारी सिर्फ 20 फीसदी ही है। यही वजह रही कि उन्होंने भारत के छोटे-मंझोले कारोबारियों को एक डिजिटल मंच पर ले जाने के बारे में सोचा, जहां वे अपने उत्पादों को बेच सकें। हालांकि ये करना इतना आसान नहीं था, लेकिन मजबूत इरादे और कुछ करने का जज़्बा अगर हो तो आप कुछ भी कर सकते हैं।

लाइमरोड की स्थापना

एक महिला होने के नाते सुचि को पता था कि देश-दुनिया में महिलाओं को किस तरह के प्रोडक्ट्स पसंद हैं। बस यहीं से सुची को ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल का आईडिया आया। अपने इस आईडिया पर काम करने के लिए भारत वापस आते ही सुचि ने सबसे पहले रिलायंस हाइपरलिंक में सप्लाई चेन हेड अंकुश मेहरा से मुलाकात की और भारत में बिजनेस शुरू करने की कठिनाइयां समझीं। वहीं, इस स्टार्टअप के संबंध में उन्होंने फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट में काम कर चुके प्रशांत मलिक से भी बातचीत की । अंतत: 2012 में सुची ने अंकुश मेहरा और प्रशांत मलिक के साथ मिलकर Limeroad की स्थापना की।

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अब लाइम रोड ऐप की पहुंच 400 मिलियन से अधिक स्मार्टफोन तक हो चुकी है, जिसमें 30-50 % तक महिलाएं शामिल हैं। वहीं कई कंपनियां भी अब लाइमरोड में निवेश कर रही हैं। आज सुची अपनी मेहनत के दम पर भारत के सफल उद्यमियों में शुमार हैं।

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