संपादकीय

रामभक्तों के भजनों ने पूरे देश को किया राममय

जन-जन के आराध्य प्रभु श्रीराम (ram) की प्राण प्रतिष्ठा पर पूरे देश को राममय करने में स्वर लहरियों की भूमिका काफी अहम रही। रामलला के श्री विग्रह के ऐतिहासिक असर की घोषणा होने के बाद से ही लगातार देश के प्रसिद्ध गायकों के अलावा तमाम गुमनाम कलाकारों ने अपने सुरों से जो रामभक्ति की रसधार बहाई, उसने हर किसी को रामरस में गोता लगाने को विवश कर दिया। सोशल मीडिया से लेकर जन-जन को जोड़ने वाले विभिन्न माध्यमों के जरिए ये गीत आम लोगों की जुबान पर रट गए। मोबाईल के रिंग टोन से लेकर घरों में सुबह-शाम बज रहे इन गीतों ने सभी को प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक कार्यक्रम का अप्रत्यक्ष तौर पर साक्षी बने रहने में अहम भूमिका निभाई। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए एक के बाद एक इन भजनों को साझा कर तमाम गुमनाम कलाकारों को पूरे देश से चिर-परिचित कराया और लोगों से इसे सुनने की अपील की। बिहार के छपरा की रहने वाली स्वाति मिश्रा के भजन ‘राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी, दीप जला के मैं दीवाली मनाऊंगी’ ने हर एक रामभक्त को आस्था से सराबोर कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भजन को अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर कर कहा कि प्रभु श्रीराम के स्वागत में भक्ति से भरा यह भजन मंत्रमुग्ध करने वाला है। इस पोस्ट के बाद तो यह गीत तो मानों लोगों की जुबान पर छा गया और यूट्यूब के साथ अन्य माध्यमों के जरिए इसे करोड़ों व्यूज मिल चुके हैं। इस गीत के बोल लोगों की आंखों को आंसुओं और मन को भावों से भरने वाले हैं। इस भजन को गाने के बाद स्वाति मिश्रा जो प्रसिद्धि मिली, वह उसे भगवान श्रीराम का प्रसाद मानती हैं। अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के पधारने को लेकर हर तरफ छाए उमंग और उत्साह को देखते हुए गुजरात के कच्छ के रहने वाले प्रसिद्ध गायक उस्मान मीर के गीत ‘श्रीरामजी पधारे’ ने हर किसी को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। इसी तरह हिमाचल प्रदेश के सोलन के रहने वाले प्रसिद्ध भजन गायक हसंराज रघुवंशी ने प्रभु राम के स्वागत में ’अयोध्या में आए मेरे राम, बोलो जय-जय सियाराम’ व ‘युग रामराज का आ गया, शुभ दिन ये आज का आ गया’ सहित कई भजनों की ऐसी रसधार बहाई, जिसमें हर कोई गोते लगाता रहा। इस गीत को जहां यूट्यूब पर करोड़ों लोगों ने देखा, वहीं यह भजन अब तक लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है। इसी तरह उत्तराखण्ड के रहने वाले जुबिन नौटियाल के गीत ’मेरे घर राम आएंगे’ ने सभी को भक्तिभाव से ओत-प्रोत कर दिया। इसे जुबिन ने गाया, जबकि पायल देव और मनोज मुंतशिर ने संगीत दिया। फिल्म आदिपुरुष तो राम भक्तों के मन में जगह नहीं बना पाई और काफी विवादों में रही लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के दौरान फिल्म के भक्तिमय गाने लोगों की जुबान पर बस गए। उन्हीं गानों में से एक है, सचेत और परंपरा के द्वारा गाया गया भजन ‘राम सिया राम’। इस भजन को मनोज मुंतशिर ने लिखा है और सचेत और परंपरा ने ही इसे संगीत दिया है। यूट्यूब पर इस भजन को करोड़ों लोगों ने देखा और सुना। प्रभु श्रीराम के भजनों और गानों में एक और भक्तिमय गाने ‘नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो’ ने भी सभी के मन को आह्लादित किया। इस गाने को प्रकाश गांधी ने गाया है और संगीत प्रकाश गांधी ने अपने भाई सुभाष गांधी के साथ मिलकर दिया है। पावर म्यूजिक कंपनी के सोशल मीडिया चैनल पर इस भजन को देखा जा सकता है। अब तक भजन को 11 मिलियन से ज्यादा व्यजू मिल चुके हैं। इसी तरह प्रभु श्रीराम के अनन्य सेवक हनुमान जी के भजनों ने भी लोगों को अगाध श्रद्धा से भर दिया। लखबीर सिंह लक्खा द्वारा गाया गया गीत ‘कीजो केसरी के लाल, मेरा छोटा सा ये काम, मेरी रामजी से कह देना जय सिया राम’ प्राण प्रतिष्ठा के दौरान लोगों में खूब लोकप्रिय रहा। बता दें कि ‘हनुमान जब चले’ नाम के एलबम में करीब 12 साल पहले रिलीज किया गया था लेकिन अयोध्या में बन रहे मंदिर की वजह से तैयार हुए भक्तिमय माहौल में यह गाना खूब मशहूर हुआ गुजरात की मशहूर लोक गायिका और डायरा में कार्यक्रम करने वाली गीता रबारी कच्छ की रहने वाली हैं। 31 दिसंबर 1996 को कच्छ जिले के अंजार तहसील के टप्पर गांव की गीता रबारी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। गीता के पिता का नाम कांजीभाई रबारी और माता का नाम वेंजुबेन रबारी है। गीता रबारी को बचपन से ही गाने का शौक था। इसके चलते उनके पिता जो समान ढोने का काम करते थे। वह गीता को लोक गीतों के कार्यक्रम में ले जाते थे। यहीं से गीता को गाने में और अधिक दिलचस्पी जगी। उनके द्वारा गाए गए गीत ‘श्रीराम घर आए’ ने खूब सुर्खियां बटोरीं और लोगों की जुबान पर छाया रहा। यह भी पढ़ेंः-WPL 2024: यूपी वॉरियर्स ने रोका Mumbai Indians का विजय रथ, 7 विक्रटे से दी करारी शिकस्त मंदाकिनी बोरा के आत्मोत्तेजक आध्यात्मिक गीत ‘जय सियाराम-शबरी एपिसोड’ को भी काफी प्रशंसा मिली, जिसे आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार व भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने रिलीज किया था। बिहार की रहने वाली प्रसिद्ध लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने माता शबरी की प्रभु श्रीराम के प्रति अगाध श्रद्धा से जुड़ा हुआ गीत ‘शबरी सवारे चले आएंगे राम जी’ ने सोशल मीडिया के माहौल को पूरी तरह राममय कर दिया। सुरेश वाडेकर और आर्या आंबेकर द्वारा अपने सुमधुर सुरों में पिरो कर गाए गए गीत ‘हृदय में श्रीराम हैं’ की प्रशंसा प्रधानमंत्री ने भी अपने शब्दों में की। इसी तरह देश के अलग-अलग हिस्सों से गीताकारों ने अपनी-अपनी सुर सरिता से प्रभु राम के चरणों में अर्पित गीत गाए और लोगों को भाव-विभोर किया। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)