Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड के अभियंताओं एवं कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा की अगुवाई में कर्मचारियों ने सोमवार को प्रदेश भर में अपने कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ रोष जताया। इसी कड़ी में कर्मचारियों ने शिमला स्थित विद्युत बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस के बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
खास बात यह रही कि इस प्रदर्शन में विद्युत बोर्ड के पेंशनर्स भी शामिल हुए। कर्मचारियों की मांग है कि 16 अक्तूबर 2024 को जारी अधिसूचना में समाप्त किए गए इंजीनियरिंग वर्ग के सभी 51 पदों को बहाल किया जाए और 81 आउटसोर्स चालकों की सेवाएं भी जारी रखी जाएं। इसके अलावा विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिया जाए।
आर-पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर
राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी एवं अभियंता संयुक्त मोर्चा का आरोप है कि विद्युत बोर्ड की हालत ठीक करने के लिए सरकार द्वारा गठित कैबिनेट सब कमेटी विद्युत बोर्ड को तीन भागों ट्रांसमिशन, उत्पादन और वितरण में बांटकर इसका निजीकरण करने की कोशिश कर रही है। इसके बाद भी अगर सरकार ने सभी फैसले वापस नहीं लिए तो बोर्ड के कर्मचारी और इंजीनियर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर होंगे।
लगातार खत्म की जा रहीं वैकेंसी
बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को भी ओपीएस नहीं मिल रहा है। इसको लेकर सरकार से लगातार मांग उठाई जा रही है। संयुक्त मोर्चा के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि सरकार हालत सुधारने की बजाय बिजली बोर्ड को खत्म करने की साजिश कर रही है, जिसे संयुक्त मोर्चा किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेगा। बिजली बोर्ड में ओपीएस लागू नहीं किया गया है, जबकि चुनाव से पहले और सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कई बार ओपीएस लागू करने की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को ओपीएस नहीं दिया गया है।
ओपीएस की आड़ में सरकार की मंशा अब साफ हो रही है। 53 साल बाद बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद खत्म हिमाचल बिजली बोर्ड के गठन के 53 साल बाद पहली बार इंजीनियरों के 51 पद खत्म किए गए हैं। इस संबंध में बोर्ड के कार्यकारी निदेशक की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गयी है।
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इनमें सुपरिटेंडिंग इंजीनियर वर्क्स, सीनियर सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर कॉमर्स एंड वर्क्स, असिस्टेंट इंजीनियर वर्क्स के पद शामिल हैं। ये पद मुख्य अभियंता कार्यालय संचालन शिमला, धर्मशाला, मंडी, हमीरपुर, मुख्य अभियंता उत्पादन हमीरपुर, मुख्य अभियंता ईएस शिमला, मुख्य अभियंता परियोजना शिमला और विभिन्न शहरों में हैं।
कुमारसैन, काजा, रिकांगपिओ, रोहड़ू, सोलन, अर्की, धर्मशाला, नगरोटा बगवां, लंबागांव, बैजनाथ, डलहौजी, नरपार, जवाली, फतेहपुर, करसोग, सरकाघाट, जोगिंदरनगर, मनाली, नैदुन, बड़सर, घुमारवीं, अंब में सहायक अभियंता वर्क्स के 22 पद समाप्त कर दिए गए हैं। कांगड़ा, डलहौजी, शिमला, रामपुर, रोहड़ू, मंडी, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, शिमला, पालमपुर, भावानगर और नाहन में सहायक अभियंता के 16 अन्य पद समाप्त कर दिए गए हैं।
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