शिमला: हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ रहे Cyber अपराध के मामलों ने पुलिस के साथ-साथ लोगों को भी हैरान कर दिया है। पढ़े-लिखे और रिटायर्ड अधिकारी भी साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसकर अपनी जीवन भर की जमा पूंजी गंवा रहे हैं। पुलिस ऐसे शातिर ठगों से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन काफी हद तक सफलता नहीं मिल पा रही है। साइबर अपराधियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से साइबर कमांडो प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
इन नौ लोगों को मिली जिम्मेदारी
इनमें साइबर अपराध से जुड़ी बारीकियों के साथ-साथ इससे निपटने के विभिन्न तरीकों की तकनीकी जानकारी दी जा रही है। हिमाचल प्रदेश के नौ पुलिस कर्मियों को साइबर कमांडो के प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। चयनित पुलिस कर्मियों में दो महिला पुलिस कर्मी भी हैं। इन नौ कर्मियों में एक हेड कांस्टेबल और दूसरा कांस्टेबल है। इनमें हेड कांस्टेबल आशीष कुमार, कांस्टेबल आकाश ठाकुर, मधु शर्मा, मनु शर्मा, प्रवीण शर्मा, राम शर्मा, रोहित गुलेरिया, शशांक तंवर और शुभम चौहान शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने दी जानकारी
इनकी विशेषज्ञता के आधार पर भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी) की ओर से स्क्रीनिंग कर चयन किया गया है। साइबर कमांडो की ट्रेनिंग छह महीने की दी जाएगी। यह ट्रेनिंग आईआईटी मद्रास, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गांधीनगर और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में दी जा रही है। प्रदेश के चयनित पुलिस कर्मी ट्रेनिंग सेंटरों के लिए रवाना हो गए हैं। साइबर क्राइम के डीआईजी मोहित चावला ने शुक्रवार को बताया कि गृह मंत्रालय की पहल के तहत साइबर कमांडो ट्रेनिंग दी जा रही है और इसमें हिमाचल पुलिस के नामांकित कर्मियों की संख्या नौ है।
हैकिंग तकनीकों के बारे में दी जाएगी जानकारी
उन्होंने कहा कि इस ट्रेनिंग का उद्देश्य हमारे पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को सिस्टम फोरेंसिक, साइबर अपराध का पता लगाने और रोकथाम तकनीकों में आवश्यक कौशल से लैस करना है। उन्होंने कहा कि साइबर खतरे लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में संवेदनशील डेटा की सुरक्षा और ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने में यह पहल बेहद महत्वपूर्ण है। हिमाचल से नौ सदस्यीय टीम ट्रेनिंग पूरी करेगी और साइबर खतरों से निपटने के लिए नवीनतम कौशल और विशेषज्ञता से लैस होगी और अत्यधिक कुशल साइबर योद्धा बनकर उभरेगी।
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मोहित चावला ने कहा कि छह महीने का साइबर कमांडो प्रशिक्षण कार्यक्रम खतरे की खुफिया जानकारी, घटना प्रतिक्रिया और हैकिंग तकनीकों सहित कई विषयों को कवर करेगा। हमारे अधिकारियों ने असाधारण समर्पण और दृढ़ता का प्रदर्शन किया और अत्यधिक कुशल साइबर योद्धा के रूप में उभरे।
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