Home प्रदेश हिमाचल प्रदेश CAG की रिपोर्ट में खुलासा, GDP के मुताबिक नहीं मिल रहा राजस्व

CAG की रिपोर्ट में खुलासा, GDP के मुताबिक नहीं मिल रहा राजस्व

शिमलाः नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने प्रदेश में राजस्व प्राप्तियों और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर में अंतर पर सवाल उठाए हैं। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शनिवार को सदन में पेश CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्व प्राप्तियों और GDP की वृद्धि दर में भारी अंतर को पाटने की जरूरत है। सत्र के अंतिम दिन शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में वर्ष 2023 के लिए CAG रिपोर्ट पेश की।

CAG ने कहा सुधार की जरूरत

CAG रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की राजस्व प्राप्तियां वित्त वर्ष 2018-19 में 148383 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 195405 करोड़ रुपये हो गई। CAG ने रिपोर्ट में कहा कि GDP में वृद्धि दर 7.26 फीसदी रही, लेकिन इसी अवधि में राजस्व प्राप्तियों में मात्र 2.09 फीसदी की वृद्धि हुई। CAG ने राजस्व प्राप्तियों की वृद्धि दर में और सुधार की जरूरत जताई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 में राज्य में राजस्व प्राप्तियां 38089.50 करोड़ रुपये थीं। इसमें केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के कर और गैर-कर दोनों शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 38089.50 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियों के मुकाबले वर्ष 2022-23 में व्यय 50565 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह वित्तीय वर्ष 2021-22 के 42602 करोड़ रुपये से 18 फीसदी अधिक है।

CAG ने दी कर्ज लेने से बचने की सलाह

सीएजी ने कहा कि राजस्व प्राप्तियों की तुलना में राजस्व व्यय में 22.74 फीसदी की दर से वृद्धि चिंता का विषय है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य 2018 में 6336 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे में था। लेकिन वर्ष 2022-23 में 1115 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष दिखाना प्राप्तियों और व्यय के बीच असंतुलन को दर्शाता है।

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CAG की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी व्यय में वेतन, पेंशन और ब्याज के साथ-साथ सब्सिडी पर होने वाला खर्च कुल राजस्व व्यय का 64 से 70 फीसदी है। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने वर्ष 2022-23 में पूंजीगत मदों पर बजट से 6029 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि पूंजीगत मदों पर सरकार ने उधार ली गई राशि का 26.95 फीसदी खर्च किया। CAG ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सरकार को राजस्व प्राप्तियों को बढ़ाने के साथ-साथ सतत आर्थिक विकास और राजकोषीय स्वास्थ्य बनाने के लिए अनावश्यक सब्सिडी को कम करने के प्रयास करने की जरूरत है। इसके साथ ही CAG ने सरकार को दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए कर्ज लेने से बचने की भी सलाह दी है।

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