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‘पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं जाते’, सुप्रीम कोर्ट से हेमंत सोरेन को नहीं मिली राहत

रांची: ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गये झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को कोई राहत नहीं मिल सकी है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह फिलहाल इस याचिका पर विचार नहीं करेगा। सोरेन ने ईडी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर आपराधिक रिट याचिका में पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) 2002 की धारा 50 और 63 की वैधता पर सवाल उठाया था। उन्होंने याचिका में कहा था कि जांच एजेंसी को धारा 50 के तहत बयान दर्ज करने या पूछताछ के दौरान ही किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार है, इसलिए समन जारी होने के बाद गिरफ्तारी का डर बना रहता है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से समन स्थगित करने और ईडी को दंडात्मक कार्रवाई न करने का आदेश देने का अनुरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की बेंच ने सोरेन की याचिका में उठाए गए बिंदुओं पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए उनके वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि वह पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं जाते?

ईडी ने चौथी बार जारी किया समन 

ईडी ने सोरेन (Hemant Soren) को चौथी बार समन जारी कर 24 सितंबर को रांची स्थित एजेंसी के जोनल ऑफिस में पेश होने को कहा है। एजेंसी उनसे रांची में जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ करना चाहती है। इस घोटाले में ईडी ने रांची के पूर्व डीसी आईएएस छवि रंजन समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। ईडी ने सोरेन को पहली बार 24 अगस्त को पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन सोरेन ने इसके जवाब में पत्र भेजकर समन को अवैध बताया था और कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। ये भी पढ़ें..झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स का मतदान 24 को, 39 उम्मीदवार लड़ेंगे चुनाव

ईडी की कार्यप्रणाली पर उठाए गंभीर सवाल

CM सोरेन (Hemant Soren) ने इस मामले में ईडी के सहायक निदेशक को पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था, एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्र सरकार पिछले एक साल से उन पर अनुचित दबाव बना रही है। उनकी बात न सुनने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने ईडी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा था कि अवैध पत्थर खनन मामले में पिछले साल 17 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उस वक्त उन्होंने अपनी और अपने परिवार की चल-अचल संपत्ति का सारा ब्योरा भी दिया था। रियल एस्टेट डीड की प्रमाणित प्रति 30 नवंबर, 2022 को प्रदान की गई। बैंक विवरण भी प्रदान किए गए। सीएम ने लिखा था कि क्या वे दस्तावेज ईडी कार्यालय में खो गए हैं? अगर दोबारा चाहिए तो भेज दिया जाएगा। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)