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मौसम वैज्ञानिकों की बड़ी चेतावनी, इस बार कहर बरपायेगी गर्मी

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कानपुर: पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण भले ही दो-तीन दिनों तक मौसम बदला रहेगा, लेकिन जल्द ही भीषण गर्मी कहर बरपायेगी। मौसम विभाग के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में गर्मी की लहरें लगातार, तीव्र और घातक होती जा रही हैं। वहीं, असामान्य तापमान भारत के 90 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

बढ़ेंगी बीमारियां

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस.एन. सुनील पांडे ने शुक्रवार को कहा कि आईएमडी का पूर्वानुमान कहता है कि पूर्व और उत्तर-पूर्व के कुछ हिस्सों और उत्तर-पश्चिम के कुछ हिस्सों को छोड़कर भारत के अधिकांश इलाकों में भयंकर गर्मी पड़ेगी। अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा। जिसकी वजह से लोगों को गर्मी से संबंधित अधिक बीमारियां होंगी। गर्मी की वजह से कृषि उत्पादन प्रभावित हो सकता है, पानी की कमी होने की संभावना है। ऊर्जा की मांग बढ़ सकती है और पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ वायु गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। ये सभी लू के लक्षण हैं जो अप्रैल के आखिरी दिनों से चलने की संभावना है।

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ऐसी स्थिति में लू चलती है

मौसम विज्ञानियों ने कहा कि असामान्य रूप से उच्च तापमान की अवधि को हीट वेव कहा जाता है। यदि मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी इलाकों में कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो आईएमडी लू की घोषणा करता है। जिसमें सामान्य अधिकतम तापमान से करीब 4.5-6.4 डिग्री सेल्सियस का अंतर है। यदि वास्तविक अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है तो आईएमडी लू की घोषणा भी कर सकता है। यदि तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाए तो भीषण गर्मी की लहर भी घोषित की जा सकती है।

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