Friday, November 22, 2024
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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुरक्षित, दिया था ये हवाला

 

नई दिल्लीः दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने जेल अधीक्षक को जेल मैनुअल के अनुसार दोपहर 03 से 04 बजे के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पत्नी से मुलाकात सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। दरअसल, मनीष सिसोदिया की ओर से जमानत के लिए पत्नी की तबीयत का हवाला दिया गया था।

कोर्ट ने 4 मई को ईडी को नोटिस जारी किया था। 28 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सिसोदिया ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सिसोदिया मंत्रियों के समूह के प्रमुख हैं और उन्हें कैबिनेट के बारे में सारी जानकारी है। आबकारी नीति में बदलाव में उनकी अहम भूमिका थी। पॉलिसी में लाभ देने के एवज में रिश्वत ली गई। ईडी ने कहा था कि कोई भी नीति हवा में नहीं बनती। मंत्री समूह की बैठक में लाइसेंस फीस और प्रॉफिट मार्जिन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। सिसोदिया के पास 18 विभाग थे। उस समय वह लोगों से मिलते थे। कुछ लोग पत्नी का ख्याल रखते थे, ऐसे में सिसोदिया जमानत के लिए अपनी पत्नी की सेहत का हवाला नहीं दे सकते।

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सिसोदिया के वकील ने कहा था कि ईडी का पूरा मामला सीबीआई के मामले पर ही आधारित है। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 3 के तहत सिसोदिया ने कोई अपराध नहीं किया। कोर्ट को देखना है कि धारा 3 के तहत कोई उल्लंघन तो नहीं हुआ है। मनीष सिसोदिया को ईडी ने इस मामले में पूछताछ के बाद नौ मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को इससे पहले सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।

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