Featured आस्था

Hartalika Teej: 30 अगस्त को मनायी जाएगी हरतालिका तीज, जानें शुभ मुहूर्त और पौराणिक कथा

नई दिल्लीः भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनायी जाती है। इस बार हरतालिका तीज मंगलवार (30 अगस्त) को है। हरतालिका तीज के दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु और सुखद गृहस्थ जीवन की मनोकामना के लिए व्रत करती हैं। हिंदू धर्म के अनुसार यह बडा तपपूर्ण व्रत है। सुहागिन महिलाएं इस व्रत को निर्जला रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करती हैं। कुंवारी कन्याएं यदि हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं तो उन्हें योग्य वर की प्राप्ति होती है। हरतालिका तीज व्रत श्रद्धापूर्वक पूर्ण करने से महादेव प्रसन्न होकर सुखी दांपत्य का वरदान प्रदान करते हैं। दैविक, दैहिक बाधाओं का शमन कर सब भांति मंगल करते हैं।

हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त
हिन्दी कैलेण्डर के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को यह व्रत रखा जाता है। 29 अगस्त की रात 11 बजकर 20 मिनट पर तीज प्रारंभ हो जाएगी। उदया तिथि में हरतालिका तीज 30 तारीख को ही मनाने की परंपरा है।

ये भी पढ़ें..Asia Cup: महामुकाबले से पहले बाबर आजम से मिले हिटमैन, कह...

हरतालिका तीज की पौराणिक कथा
मान्यता है कि हिमालय राज की पुत्री पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए भाद्र शुक्ल पक्ष तृतीया को निर्जला उपवास रख भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की थी। इस व्रत के मूल में माता पार्वती द्वारा भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए किए गए कठोर तप की कथा है। पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में पति शिव को आमंत्रित न किए जाने का अपमान देवी सती सहन नहीं कर पाईं। क्षुब्ध सती ने स्वयं को यज्ञ की अग्नि में भस्म कर दिया। अगले जन्म में उन्होंने राजा हिमाचल की पुत्री के रूप में जन्म लिया और भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की। देवी ने एक पर्वत की कंदरा में शिवलिंग बनाकर अर्चना आरंभ की। तप से भगवान शिव का आसन डोल गया। वह देवी के सामने प्रकट हुए और उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार करने का वचन देकर अन्तर्धान हो गए। देवी के पिता हिमालय राज ने सारी बात जानकर उनका शिवजी से विवाह कर दिया।

अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक औरट्विटरपर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…