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मेहनत और लगन ने बनाया युवा उद्यमी, 17 साल की उम्र में हासिल किया ये मुकाम

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लखनऊः वो कहते हैं न कि कुछ करने के लिए ऊंचे हौसले और मजबूत इरादे होने चाहिए, फिर उसमें उम्र और पैसा कोई मायने नहीं रखता है। यह जरूरी नहीं है कि एक निश्चित उम्र में हीं सफलता हासिल हो। कम उम्र में भी मनुष्य के अंदर प्रतिभा हो सकती है तथा वह सफलता को भी हासिल कर सकता है। ये ही करके दिखाया है भारत के सफल उद्यमियों में शामिल प्रियांशु रत्नाकर ने। प्रियांशु ने सिर्फ 17 साल की उम्र में ये मुकाम हासिल किया है। हालांकि प्रियांशु के लिए ये सफर आसान नहीं रहा। जानते हैं प्रियांशु ने कैसी पाई अपनी मंजिल।

ऐसे हुई शुरूआत

प्रियांशु रत्नाकर का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ था। यहां पढ़ाई-लिखाई का कोई माहौल नहीं था और न ही इतने अवसर थे, लेकिन प्रियांशु ने कभी भी इन बाधाओं को अपने रास्ते में नहीं आने दिया। प्रियांशु बचपन से ही काफी होशियार रहे। जब वह तीसरी कक्षा में थे तभी से उन्होंने कंप्यूटर डीओएस (DOS) सीखना आरंभ कर दिया था। कक्षा 8वीं में आते-आते प्रियांशु प्रोग्राम लैंग्वेज के गुण सीख चुके थे। वो बहुत अच्छी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग करने लगे थे। जब प्रियांशु कक्षा 9 में थे, तभी उन्होंने साइबर सिक्योरिटी की बारीकियों की तरफ अपना ध्यान केंद्रित कर लिया था। छोटी जगह में जन्मे होने के बाद भी प्रियांशु को शुरू से ही कंप्यूटर और इंटरनेट से लगाव था। जिस उम्र में लोग ये नहीं समझ पाते कि उन्हें क्या करना है या क्या नहीं, उस उम्र में प्रियांशु ने अपनी जिंदगी से जुड़ा सबसे अहम फैसला लिया और खुद का स्टार्टअप शुरू करने का निर्णय लिया। इस स्टार्टअप का नाम उन्होंने ‘प्रोटोकॉल एक्स’ रखा। यह एक वेब और ऐप से जुड़ी सर्विसेज देने वाला स्टार्टअप था, लेकिन प्रियांशु के लिए यह सब करना इतना आसान नहीं था।

अब तक कई सम्मानों से हो चुके हैं सम्मानित

प्रियांशु एक सेल्फ-मेड प्रोग्रामर हैं। वो रतन टाटा और केविन मिटनिक जैसे लोगों को अपना आदर्श मानते हैं। शुरू में, जब उनके स्टार्टअप को बहुत अधिक प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उन्होंने हार नहीं मानी। इन लोगों से प्रेरित होकर उन्होंने लिए उनकी कड़ी मेहनत की और अपने साहस के दम पर उन्होंने फिर से अपने बिज़नेस को शुरू किया। प्रियांशु को प्रेस्टीजियस इंडियन ऑफ द ईयर 2019 का पुरस्कार भी मिल चुका है। प्रियांशु को उनके इस कार्य के लिए कई सम्मानों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 40+ से अधिक प्रमाण पत्र और अपनी एंटरप्रेन्योरिशिप के लिए पांच पुरस्कार भी मिले हैं।

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अब वह एआई और एमएल जैसी हॉट आईटी तकनीकों पर काम कर रहे हैं, जो भारत में साइबर हमलों और हैकिंग के खतरे को रोकने में मदद करने का दम रखती है। आज प्रियांशु के चर्चे देश-विदेश में भी हो रहे हैं। प्रियांशु ने अपनी मेहनत और काबिलयत के दम पर अपनी सफलता की कहानी लिखी है। प्रियांशु की कहानी सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।