Halal Certified Products banned in UP, लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब बिना किसी अधिकार के अवैध रूप से खान-पान और कॉस्मेटिक उत्पादों को ‘हलाल सर्टिफिकेट’ देने के काले कारोबार पर नकेल कसने जा रहे हैं। धर्म की आड़ में एक धर्म विशेष को गुमराह करने और दूसरे धर्मों के बीच वैमनस्य भड़काने की इस नापाक कोशिश का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। द
रअसल उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा चल रहा है और कई उत्पाद हलाल सर्टिफिकेट के साथ बेचे जा रहे हैं। तमाम उत्पादों में डेयरी उत्पाद, नमकीन, मसाले, साबुन, कपड़े और चीनी को भी हलाल प्रमाणित किया जा रहा है। आशंका है कि फर्जी दस्तावेजों की मदद से हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर जुटाई जा रही अवैध कमाई से आतंकी संगठनों और देश विरोधी गतिविधियों को फंडिंग की जा रही है। इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेते हुए लखनऊ में ऐसी 9 कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
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इन कंपनियों पर दर्ज की गई एफआईआर
एफआईआर के अनुसार, हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई आदि ने अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए धर्म के नाम पर एक विशेष धर्म के ग्राहकों को हलाल प्रमाणपत्र प्रदान किए। आर्थिक लाभ के लिए अवैध कारोबार चलाया जा रहा है। इन कंपनियों के पास किसी भी उत्पाद को प्रमाणन देने का कोई अधिकार नहीं है। उक्त कंपनियां वित्तीय लाभ के लिए जाली प्रमाणपत्र तैयार कर विभिन्न कंपनियों को हलाल प्रमाणपत्र जारी कर रही हैं। इससे न केवल सामाजिक विद्वेष बढ़ता है बल्कि यह जनता के विश्वास के साथ विश्वासघात भी है।
बड़ी साजिश की आशंका
इतना ही नहीं जिन कंपनियों ने इस तरह का हलाल सर्टिफिकेट नहीं लिया है, उनके उत्पादों की बिक्री कम करने की भी कोशिश की जा रही है, जो एक आपराधिक कृत्य है। ऐसी आशंका है कि यह अनुचित लाभ असामाजिक/राष्ट्र-विरोधी तत्वों को दिया जा रहा है। खास बात यह है कि तेल, साबुन, टूथपेस्ट, शहद आदि शाकाहारी उत्पादों की बिक्री के लिए भी हलाल सर्टिफिकेट दिया जा रहा है, जबकि शाकाहारी वस्तुओं के लिए ऐसे किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। जाहिर तौर पर एक खास समुदाय और उनके उत्पादों के खिलाफ आपराधिक साजिश रची जा रही है।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि धर्म की आड़ में समाज के एक खास वर्ग के बीच ऐसे उत्पादों का इस्तेमाल न करने का अनर्गल प्रचार किया जा रहा है, जिन्हें उनकी कंपनी ने हलाल सर्टिफिकेट नहीं दिया है। इससे अन्य समुदायों के व्यापारिक हितों को नुकसान पहुंच रहा है। इस प्रकार आम नागरिकों के उपयोग की वस्तुओं पर भी हलाल प्रमाणपत्र जारी कर अनुचित वित्तीय लाभ कमाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। उपरोक्त कम्पनियों द्वारा ऐसा न केवल आर्थिक लाभ के लिए किया जा रहा है बल्कि समाज में वर्ग विद्वेष फैलाने तथा आम लोगों में भेदभाव पैदा कर देश को कमजोर करने की पूर्व नियोजित योजना के तहत भी ऐसा किया जा रहा है।
अवैध लाभ से आतंकवादी संगठनों को कर रहें पोषित
जिसके बाद उक्त कंपनियों के मालिकों और प्रबंधकों के अलावा कई अन्य लोग भी एक आपराधिक साजिश में शामिल हैं और इसमें कई अन्य लोग भी शामिल हैं जो देश विरोधी साजिशों में शामिल हैं और देश को कमजोर कर रहे हैं। शिकायतकर्ता ने उक्त लोगों पर करोड़ों रुपये का अनुचित लाभ कमाने और आतंकवादी संगठनों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को वित्त पोषित करने की भी आशंका व्यक्त की है। बता दें कि खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता आदि को प्रमाणित करने के लिए FSSAI और isi जैसी संस्थाओं को अधिकृत किया गया है।
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