Friday, November 29, 2024
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Gyanvapi Survey: ‘ज्ञानवापी एक मस्जिद है..’, CM योगी के बयान पर स्वामी प्रसाद का पलटवार

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Gyanvapi Survey: लखनऊः समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने ज्ञानवापी मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी एक मस्जिद है, इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। अगर मस्जिद नहीं होती तो मामला कोर्ट में नहीं जाता। अब भी वहां पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है। कोर्ट का फैसला आने तक ये ज्ञानवापी मस्जिद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) हाईकोर्ट से बड़े नहीं हैं। पूरा फैसला हाई कोर्ट पर छोड़ देना चाहिए। फैसला आने तक ये ज्ञानवापी मस्जिद है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है। व्यापारियों के पैसे का शोषण कर जीएसटी का दुरुपयोग किया जा रहा है। जीएसटी के मामले ईडी को सौंपकर वह उनकी कमर तोड़ने का काम कर रही है। आजादी के बाद भाजपा पहली सरकार है जिसने राष्ट्रीयकृत संस्थाओं को बेचने का काम किया है। इसलिए जब हम चुनाव में जनता के बीच जाएंगे तो बीजेपी सरकार के एक-एक काम को उजागर करेंगे।

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya)  ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि अगर ऐसा है तो बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर का सर्वे होना चाहिए। राष्ट्रपति को भी मंदिर में जाने से रोका गया। आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों का अपमान किया गया। धर्म के ठेकेदारों को ये अपमान नज़र नहीं आता। स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल और गोमूत्र से धोया गया। हिंदू धर्म एक वर्ग के लिए बनाया गया है। अगर यह आदिवासियों और दलितों का धर्म होता तो अपमान नहीं होता। शायद उन्होंने राष्ट्रपति को मंदिर जाने से नहीं रोका होगा।

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सपा महासचिव ने कहा कि भारत की पहचान बौद्ध दर्शन और बुद्ध से है। यदि हिंदू-बौद्ध एक हैं तो बौद्ध धर्मस्थल को क्यों नष्ट करें। बौद्ध स्थलों को तोड़कर मंदिर क्यों बनाया गया? यदि हिन्दू और बौद्ध एक होते तो बौद्ध मठ नष्ट नहीं होते। ज्ञानवापी मामले पर श्री मौर्य ने कहा कि जब तक न्यायालय में मामला विचाराधीन है तब तक किसी भी नेता, उच्च पद पर आसीन व्यक्ति को इस पर बयान देना नहीं चाहिए।

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