ज्ञानवापी मामला: हिंदू वादी संगठन ने अधिवक्ता पिता-पुत्र की जोड़ी को केस से हटाया

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वाराणसीः उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद विवाद में हिंदू पक्षकारों में शामिल हरिशंकर जैन को सभी मुकदमों से हटा दिया गया है। इसका ऐलान ज्ञानवापी मामले में लीगल बैकअप देख रही संस्था विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने किया है। साथ ही, बिसेन ने हरिशंकर जैन की अध्यक्षता में चल रही हिंद साम्राज्य पार्टी से भी इस्तीफे देने का ऐलान किया है।

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बिसेन ने दिया इस्तीफा

बिसेन ने बुधवार को को बताया, “मैंने हिंद साम्राज्य पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, जिसमें मैं राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय महासचिव के पदों पर रहा हूं।” ज्ञानवापी मामले पर उनके फैसले के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर, बिसेन ने कहा, “जैन इस मामले में केवल एक वकील हैं और एक वकील को कभी भी बदला जा सकता है।”

बता दें कि जैन और बिसेन के बीच मतभेद 6 मई के बाद कोर्ट आयोग के सर्वेक्षण के साथ खुलकर सामने आने लगे थे। जब वीवीएसएस प्रमुख द्वारा केस वापस लेने वाला बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। 9 मई को बिसेन ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि उन्होंने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले से जुड़े अन्य पांच मामलों के लिए बयान दिया था, जिसमें वह एक वादी है।

4 जुलाई को होगी सुनवाई

उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी (Gyanvapi) मामले में वाराणसी सिविल कोर्ट में चल रही सुनवाई अब 4 जुलाई को होगी। दरअसल 1 जून से कोर्ट में गर्मी की छुट्टियों के चलते सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई दी गई है। गौरतलब है कि सोमवार को कोर्ट में प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें रखी थीं। इस संबंध में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने सुनवाई के बाद जानकारी दी कि मस्जिद के सर्वे संबंधी वीडियोग्राफी की सीडी दोनों पक्षों को डिटेल ऑर्डर के बाद दे दी जाएगी।

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