Thursday, November 28, 2024
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Homeराजनीतिराज्यपाल बोले- बंगाल में कानून व्यवस्था संविधान से परे, आपातकाल जैसे हालात

राज्यपाल बोले- बंगाल में कानून व्यवस्था संविधान से परे, आपातकाल जैसे हालात

कोलकाताः पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर तीखा प्रहार किया है। गुरुवार को एक निजी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था को संविधान से परे संचालित किया जा रहा है। यहां हालात आपातकाल जैसे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में इतना भय है कि कोई डर के मारे इसकी भी चर्चा नहीं करता। उन्होंने कहा कि राज्य में इमरजेंसी के हालात हैं।

राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि कभी नंबर एक राज्य रहा बंगाल आज रोजगार, उद्योग सबमें पिछड़ गया है। बंगाल इस देश का काफी महत्वपूर्ण राज्य है। यह संस्कृति का केंद्र है, कभी इंडस्ट्री में भी नंबर वन रहा है, लेकिन आज रोजगार, उद्योग सब में पिछड़ गया है। एक राज्यपाल के रूप में हमने सरकार से यह जानकारी मांगी कि जो निवेश का आंकड़ा दिया जा रहा है, वह कहां हो रहा है। लेकिन इसकी कोई जानकारी नहीं मिली।

उन्होंने कहा कि कोलकाता शहर में जिन फ्लाइओवर के बनने का पहले ऐलान किया गया था, फिर उसी का ऐलान किया जा रहा है। इस महीने ताजपुर पोर्ट के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंस्ट्रेट मंगाया गया, किसी ने बताया कि दो साल पहले भी मंगाया गया था। राज्य में शासन संविधान और कानून के बाहर जा रहा है।‌ यह गवर्नर से बेहतर कोई नहीं जानता।

उन्होंने कहा कि राज्य में इमरजेंसी के हालात हैं। मीडिया, ब्यूरोक्रेसी सभी डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में किसान को सम्मान निध‍ि देने से रोका जा रहा है। राज्य सरकार डेटा शेयर नहीं कर रही है। राज्य में किसानों को 10 हजार करोड़ रुपया नहीं मिल पाया है। राज्य में अन्नदाता के पेट पर लात क्यों मारी जा रही है?

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धनखड़ ने कहा कि गवर्नर किसी राज्य में संविधान के शासन की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी संविधान की लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन नहीं किया। मैंने भारतीय संविधान के एक-एक शब्द का पालन किया है जो संविधान डॉ. अम्बेडकर ने दिया है उसके मुताबिक यह काफी महत्वपूर्ण पद है। यह भारतीय संविधान की भावना की रक्षा करता है। हमारा काम ब्यूरोक्रेसी के राजनीतिकरण को रोकना है।‌ उन्होंने कहा, ‘लोग मुझे एजेंट कहते हैं, हां मैं संविधान का एजेंट हूं और उसकी स्क्रिप्ट पर चलता हूं। मैंने कभी संविधान की लक्ष्मण रेखा पार नहीं की।’

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