लखनऊः यूपी के बुंदेलखण्ड में राष्ट्रीय खेती योजना, नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा के तटवर्ती 26 जिलों में चलाई जा रही प्राकृतिक खेती योजना को एकीकृत रूप से चलाया जाएगा। इसे मिशन प्राकृतिक खेती नाम दिया जा रहा है। यूपी सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने हाल में ही खेती-किसानी सम्बंधी प्रगति रिपोर्ट केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के समक्ष पहुंचा दी है।
राज्य सरकार की ओर से बुंदेलखण्ड के 47 विकास खंडों में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती क्रियान्वित की जा रही है। इस कार्य के लिए प्रदेश सरकार ने 68 करोड़ की धनराशि का लक्ष्य रखा है। क्लस्टर का चयन, चैम्पियन फार्मर्स एवं कृषकों की सूची तैयार कर योजना क्रियान्वयन की कार्यवाही प्रारम्भ की जा चुकी है। इसी कड़ी में सरकार में मंत्री, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, वैज्ञानिकों एवं प्रगतिशील कृषकों द्वारा गुरूकुल कुरूक्षेत्र में प्राकृतिक कृषि के मॉडल का अध्ययन भ्रमण भी किया गया था। खेती और किसानों की प्रगति के लिए प्रदेश के पांच कृषि विश्वविद्यालयों में भी उनके कुलपति द्वारा प्राकृतिक खेती के मॉडल को अपने विश्वविद्यालय प्रक्षेत्र पर आयोजित कराए जा चुके हैं।
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प्रदेश में कृषि सुधार की दिशा में 89 कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों को भी प्रशिक्षण देकर प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर्स के रूप में तैयार कर इस विधा को प्रदेश में बढाने का कार्य किया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्रों पर भी प्राकृतिक खेती के मॉडल लगाए गए हैं। विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने केंद्रीय कृषि मंत्री से फूड एंड न्यूट्रिशन सिक्योरिटी मिशन के तहत गत वर्ष की तुलना में 28.5 करोड़ रुपए की योजना कम स्वीकृत हुई थी, इसे भी शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया है। माना जा रहा है कि यदि यह मांग पूरी हो जाती है तो दिल्ली की बैठक तो सफल होगी ही, यूपी का कृषि विभाग तमाम कार्य भी किए जा सकेंगे।
- शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट
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