रायगढ़: जिला मुख्यालय से तकरीबन 12 किलोमीटर दूर नेतनागर में किसानों ने खेत से लेकर सड़क तक हंगामा किया। वहीं जिला और पुलिस प्रशासन को संभावित अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त बल लेकर जाना पड़ा। केलो परियोजना कार्य को लेकर नेतनागर में जमकर हंगामा हुआ। नहर खुदाई के लिए जेसीबी लेकर गई प्रशासनिक टीम को घेरते हुए ग्रामीणों ने काम रुकवा दिया। किसानों का साफ तौर पर कहना है कि सिंचित भूमि में नहर की जरूरत नहीं है। दिनभर नारेबाजी करने वाले ग्रामीण भले ही जिला और पुलिस प्रशासन की सलाह पर शांत हुए, मगर मुखालफत खत्म नहीं हुआ, बल्कि आसपास के लोग भी सोमवार से व्यापक विरोध करेंगे।
दरअसल, केलो परियोजना के मुख्य नहर के अलावा शाखा नहर का काम लंबे समय से आधा अधूरा पड़ा है। जानकारों की मानें तो नहर का काम एक छोर से भांठनपाली तक पहुंच चुका है। वहीं दूसरे छोर पर बड़माल तक नहर का काम हो चुका है। अब यह काम नेतनागर में किया जाना है। शनिवार को विभाग के कुछ लोग जेसीबी लेकर नेतनागर में नहर निर्माण शुरू कराने गए थे। खेत में जेसीबी मशीन से खुदाई शुरू होते देख नेतनागर में देखते ही देखते किसानों ने विरोध शुरू कर दिया। आक्रोशित किसानों का कहना था कि उन्हें मौजूदा समय का मुआवजा चाहिए। जबकि, उन्हें वर्ष 2013 के दर से मुआवजा दिया जा रहा है। बताया जाता है कि मुआवजा को चेक भी धरतीपुत्रों के नाम से बनकर तैयार हो गया था, लेकिन कृषकों से इसे लेने से इंकार कर दिया। यही कारण है कि नेतनागर में नहर निर्माण का काम लटका हुआ है।
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वहीं किसानों की दूसरा मुख्य मांग गर्मी के समय नहर से पानी दिए जाने की थी। किसानों का कहना था कि बरसात के दिनों में उन्हेंं पर्याप्त पानी बारिश होने पर मिल जाता है। गर्मी के दिनों में रबी फसल के लिए उन्हें पानी चाहिए। गर्मी के दिनों में खेती के लिए पर्याप्त पानी दिए जाने की मांग किसानों ने की, लेकिन इसका सकारात्मक जवाब उनको नहीं मिला। ऐसे में वे इसका विरोध करने लगे।
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