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ED ने सिसोदिया की जमानत याचिका का किया विरोध, अब 20 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

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नई दिल्लीः ईडी (ED) ने दिल्ली एक्साइज घोटाला मामले के आरोपी और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया (manish sisodia ) की जमानत याचिका का विरोध किया है। ईडी ने कहा कि लाभ मार्जिन को सात प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने को उचित ठहराने के लिए कोई बैठक या चर्चा नहीं की गई। यह नीति कुछ थोक विक्रेताओं के पक्ष में थी। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 20 अप्रैल को करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान ईडी ने कही ये बात

सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि ट्रायल में देरी के कारण ही सिसौदिया के वकील जमानत के लिए दबाव बना रहे हैं। इसके लिए उन्हें हलफनामा दायर करना चाहिए क्योंकि इस मामले में बड़ी संख्या में अलग-अलग आवेदन दायर किये गये थे। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि ट्रायल धीमी गति से चल रहा है। 

ईडी ने कहा कि लाभ मार्जिन को सात प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने को उचित ठहराने के लिए कोई बैठक या चर्चा नहीं हुई। उनका तर्क है कि पहले भी कोई बैठक और चर्चा नहीं हुई थी और अब भी नहीं है, इसलिए हमने भी ऐसा किया है। तीन दिन के भीतर बिना किसी बैठक या चर्चा के 12 प्रतिशत का लाभ मार्जिन पेश किया गया।

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ईडी ने कहा कि अपराध की गंभीरता बेहद गंभीर थी क्योंकि एक नीति बनाई गई थी जो कुछ थोक विक्रेताओं को फायदा पहुंचाती थी। पॉलिसी वापस लेने का एकमात्र कारण जांच थी। नई शराब नीति का मतलब अवैध मुनाफा कमाने का जरिया है। ईडी ने कहा कि एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि थोक कारोबार का हिस्सा सरकार को दिया जाना चाहिए। इस बात पर कोई चर्चा नहीं हुई कि थोक कारोबार निजी कंपनियों को क्यों दिया गया।

ईडी ने 10 अप्रैल को सुनवाई के दौरान कहा था कि कोर्ट को यह तय करना है कि क्या मामला बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में कहा कि कोर्ट अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंच सकता कि सिसौदिया दोषी नहीं हैं। ईडी ने सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसलों का हवाला देते हुए कहा था कि कोर्ट को मामले पर गुण-दोष के आधार पर विचार करना होगा।

ईडी ने कहा कि सिसौदिया मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 45 की दोहरी शर्तों को पूरा नहीं कर रहे हैं। ईडी ने कहा कि अदालत अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंच सकती कि सिसौदिया दोषी नहीं हैं और इस बात पर विश्वास करने के उचित आधार हैं। ईडी ने कहा था कि सिसौदिया ने विशेषज्ञ रिपोर्ट से भटकने का दिखावा करने के लिए ईमेल प्लांट किए थे। इसके लिए हमारे पास दस्तावेजी सबूत, व्हाट्सएप चैट और ईमेल भी हैं।

आपको बता दें कि 06 अप्रैल को ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा था कि मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका में मुकदमे में देरी को आधार बनाया जा रहा है, जबकि देरी आरोपी की ओर से की जा रही है। मनीष सिसौदिया की ओर से कहा गया कि सुनवाई कछुआ गति से चल रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर अपने फैसले में जल्द सुनवाई के लिए कहा है।

ईडी ने सिसोदिया को 9 मार्च को किया था गिरफ्तार

गौरतलब है कि 06 अप्रैल को कोर्ट ने मनीष सिसौदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी थी। ईडी ने इस मामले में 09 मार्च 2023 को पूछताछ के बाद मनीष सिसौदिया को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। इससे पहले सिसौदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।

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