जालौन: रोशनी का त्योहार दिवाली (Diwali 2023) नजदीक है, ऐसे में कुम्हारों ने घर-घर में मिट्टी के दीये जलाने की तैयारी शुरू कर दी है। जगह-जगह दुकानें भी सजायी गयी हैं। इस व्यवसाय से जुड़े कुम्हार कारीगरों ने बताया कि भले ही बाजारों में चाइनीज दीयों की मांग है, लेकिन मिट्टी के दीयों की अपनी खास पहचान है। बाजार में मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ गई है और रोजाना हजारों की संख्या में दीये तैयार होते हैं। लेकिन, मिट्टी की कम उपलब्धता के कारण काफी परेशानी हो रही है और दीयों की मांग काफी बढ़ती जा रही है।
दिवाली (Diwali 2023) 12-13 नवंबर को मनाई जाएगी। इस मौके पर लोगों ने अपने घर-आंगन को दीयों से सजाने की तैयारी शुरू कर दी है। कुम्हार भी दीये बनाने में जुटे हैं। बदलते ट्रेंड के साथ लोगों को डिजाइनर लैंप भी पसंद आने लगे हैं। वहीं, पारंपरिक दीये भी अधिक खरीदे जा रहे हैं। चाइनीज दीयों से मोहभंग होने के कारण मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ गई है, वहीं सोशल मीडिया पर ऐसे दीयों की खरीदारी पर जोर देने से भी खासा असर पड़ रहा है। मिट्टी के दीये बनाने का काम तेजी से चल रहा है।
दीयों की मांग बढ़ी
इस दिवाली दीयों की मांग भी बढ़ रही है। कुम्हारों की कच्ची मिट्टी से बने पके हुए दीयों को खरीदने के लिए युवाओं में काफी उत्साह है। लोगों ने धन की देवी मां लक्ष्मी और गणेश के स्वागत के लिए दीयों के साथ-साथ कलश का भी ऑर्डर देना शुरू कर दिया है। ओम और स्वास्तिक लिखे रंग-बिरंगे कलश अधिक पसंद किए जा रहे हैं। प्राचीन संस्कृति के अनुसार दिवाली में मिट्टी के दीयों का महत्व है।
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50 से 60 हजार दीये बिकने की उम्मीद
दिनेश प्रजापति का कहना है कि इस बार उम्मीद है कि दीये ज्यादा बिकेंगे, क्योंकि चीन में बने दीयों की खरीदारी कम हो गई है। पिछले वर्ष करीब तीस हजार दीये व अन्य मिट्टी के सामान की बिक्री हुई थी। इस बार पचास से साठ हजार दीये बिकने की उम्मीद है। लेकिन, मिट्टी की कम उपलब्धता के कारण काफी परेशानी हो रही है और दीयों की मांग काफी बढ़ती जा रही है। वहीं, शिवकुमार प्रजापति ने बताया कि इलेक्ट्रिक चाक होने से अब काम तेजी से होता है। पहले हाथ का पहिया होता था, लेकिन इस पहिये से लैंप और अन्य सामान जल्दी तैयार किया जा सकता है। बिजली गुल होने पर काम प्रभावित न हो इसके लिए हैंड व्हील भी तैयार रखा जाता है। इस पर दीपक, घड़ा, करवा, फूलदान, गुल्लक, गरारी, मटकी, बच्चों की चक्की सहित अन्य उपकरण भी बनाए जाते हैं।
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