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हरियाणा: डेरा प्रमुख के निधन के बाद माहौल तनावपूर्ण, भारी पुलिस तैनात, एक दिन पहले चली थी गोलियां

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सिरसा: डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब (Maharaj Bahadur Chand Vakil Sahib, head of Dera Jagmalwali) के पार्थिव शरीर को शुक्रवार दोपहर मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम जगमालवाली (Mastana Shah Balochistani Ashram Jagmalwali) में दो बजे समाधि दी जाएगी। बहादुर चंद वकील के निधन के बाद गद्दी के लिए जंग शुरू हो गई है। गुरुवार को गद्दी को लेकर डेरा में दो पक्षों में तनाव है। दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और गोलियां भी चलीं। विवाद के चलते डेरा में पुलिस का पहरा है। यहां दो पक्षों में तनाव है। एक पक्ष डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह (Dera chief’s nephew Amar Singh) और उनसे जुड़े लोगों का है। वहीं, दूसरी ओर महात्मा बीरेंद्र सिंह (Mahatma Birendra Singh) और उनसे जुड़े लोग हैं। डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह बिश्नोई ने बताया कि बिश्नोई समाज की परंपरा के अनुसार शव को समाधि देकर दफनाया जाता है। जगमालवाली प्रमुख बहादुर चंद वकील साहब का अंतिम संस्कार उनके परिजनों द्वारा किया जाएगा।

गद्दी को लेकर छिड़ी जंग

बहादुर चंद वकील के अंतिम संस्कार से पहले ही डेरा में गद्दी को लेकर विवाद छिड़ गया। बताया जा रहा है कि डेरा प्रमुख की वसीयत पढ़ने के दौरान दो पक्ष आमने-सामने आ गए। महात्मा बीरेंद्र सिंह से जुड़े लोगों ने दावा किया कि डेरा प्रमुख ने वसीयत बनाई है, जो उनके हक में है। गुरुवार को जब यह वसीयत पढ़ी जा रही थी तभी भतीजे अमर सिंह ने जमकर हंगामा काटा।

विवाद का वीडियो वायरल

इस हंगामे से जुड़ा वीडियो भी सामने आया। जिसमें कुछ लोग एक व्यक्ति की पिटाई करते नजर आ रहे हैं। उस व्यक्ति के कपड़े फटे हुए हैं। वीडियो में पुलिसकर्मी उसे बचाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। देर रात तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज होने की खबर नहीं है। अमर सिंह द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात सामने आई है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए

डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह ने बताया कि डेरा की गद्दी हथियाने के लिए वीरेंद्र सिंह, बलकौर सिंह, शमशेर लहरी और नंदलाल ग्रोवर जल्दबाजी में महाराज बहादुर चंद वकील का अंतिम संस्कार करना चाहते थे। लेकिन हम इस पर राजी नहीं हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराज की मौत संदिग्ध है और इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए। अमर सिंह ने बताया कि पुलिस में लिखित शिकायत भी की गई है।

विवाद से जुड़े दूसरे पक्ष महात्मा वीरेंद्र सिंह से जुड़े लोगों का कहना है कि डेरा प्रमुख की मौत के बाद गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर डेरा लाया गया। यहां डेरा प्रमुख की वसीयत पढ़ी जा रही थी, तभी दूसरे पक्ष के लोगों ने हंगामा कर दिया। दूसरे पक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। महाराज ने पूरे होश में वसीयत तैयार की है, जिसकी बाकायदा वीडियोग्राफी भी की गई है।

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पुलिस हाई अलर्ट मोड पर

विवाद को देखते हुए पुलिस अलर्ट मोड पर है और स्थिति पर नजर रखे हुए है। पुलिस ने डेरा जगमालवाली में संत वकील साहब की अस्थियों के समाधि कार्यक्रम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को रोक दिया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने कालांवाली और पिपली में बैरिकेड्स लगाकर वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। डेरा जगमालवाली में संत वकील साहब की अस्थियों के समाधि कार्यक्रम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़े प्रबंध किए हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है।

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