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दिल्ली शराब घोटाला : शरद रेड्डी और विनय बाबू की बढ़ी न्यायिक हिरासत

नई दिल्लीः राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज एमके नागपाल ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार शरद रेड्डी और विनय बाबू की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। शरद रेड्डी ने आज अपनी जमानत याचिका दाखिल की, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया। जमानत याचिका पर 13 दिसम्बर को सुनवाई होगी।

आज दोनों की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 21 नवम्बर को दोनों को आज तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था। ईडी ने कोर्ट से बताया था कि शरद रेड्डी ने कम्प्यूटर के सर्वर में छेड़छाड़ की थी। ईडी के मुताबिक दोनों आरोपितों ने विजय नायर और दूसरे आरोपितों के साथ मिलकर शराब नीति बनाई और शराब माफियाओं को बढ़ावा दिया। 31 रिटेल में से 29 लाइसेंस कुछ ही लोगों को दे दिए।

ईडी ने कहा कि जांच में विनय बाबू के ई-मेल में दिल्ली सरकार की शराब नीति का ड्राफ्ट मिला, जबकि उसका इससे कोई लेना-देना नहीं था। शरद रेड्डी अरविंदो फार्मा का प्रमुख है। विनय बाबू भी हैदराबाद की बड़ी फार्मा कम्पनी का कारोबारी है। विनय बाबू के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा था कि हैरानी की बात है कि जो शख्स सीबीआई की जांच में गवाह है, उसी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है।

इससे पहले सीबीआई ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता विजय नायर और हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने इस मामले में 17 अगस्त को तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इनमें बड्डी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम के डायरेक्टर अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे के नाम शामिल हैं। इन सभी को मनीष सिसोदिया का करीबी बताया जाता है। सीबीआई के मुताबिक राधा इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर दिनेश अरोड़ा ने इंडोस्पिरिट्स के समीर महेंद्रु से एक करोड़ रुपए लिए थे। इस मामले में कोर्ट ने दिनेश अरोड़ा को सरकारी गवाह बनाये जाने की अनुमति दे दी है।

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