दिल्ली कैंट दरिंदगी मामला : FSL को कूलर पर नहीं मिले बच्ची के अवशेष

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नई दिल्लीः दिल्ली कैंट इलाके में बच्ची से हुई कथित दरिंदगी के मामले में बायो टेस्ट रिपोर्ट अपराध शाखा को सौंपी गई है। इसमें बताया गया है कि जिस कूलर से बच्ची को करंट लगने दावा किया जा रहा था, उस पर किसी प्रकार के अवशेष नहीं पाए गए हैं। इससे यह साफ है कि कूलर के करंट से चिपककर बच्ची की मौत नहीं हुई थी। अपराध शाखा ने इस रिपोर्ट को लेकर कोर्ट में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है। पुलिस के अनुसार, दिल्ली कैंट इलाके में बीते दो अगस्त को एक बच्ची की मौत का मामला सामने आया था। जांच के दौरान पुलिस ने इस घटना को लेकर हत्या, गैर इरादतन हत्या, सामूहिक दुष्कर्म, साक्ष्य मिटाना, पोक्सो एक्ट और एससी एसटी एक्ट सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया था।

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इस मामले में प्राथमिक जांच के बाद मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी गई थी। अपराध शाखा ने अपनी जांच पूरी करने के बाद 400 पेज की चार्जशीट पटियाला हाउस कोर्ट में बीते अगस्त महीने में दाखिल की थी। इस घटना की एफआईआर दर्ज करने के बाद पांच अगस्त को मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपी गई थी। इसके लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया गया था। जांच के दौरान टेक्निकल जांच के अलावा साइंटिफिक जांच भी अपराध शाखा की टीम द्वारा की गई थी। इसके अलावा रोहिणी स्थित फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री और दिल्ली पुलिस के फॉरेंसिक एक्सपर्ट से भी छानबीन करवाई गई थी। एफएसएल की टीम ने उस कूलर की भी बारीकी से जांच की जिससे बच्ची को करंट लगने की बात कही गई थी।

इस मामले में कुछ दिन पहले एफएसएल ने अपनी रिपोर्ट अपराध शाखा को सौंपी। जिसमें बताया गया है कि उन्होंने वाटर कूलर की बारीकी से जांच की है। जांच में कूलर के किसी भी हिस्से पर बच्ची के चिपकने के साक्ष्य नहीं मिले हैं। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, आमतौर पर जब इस तरह का करंट लगता है तो शरीर के कुछ अंश उस जगह चिपके रह जाते हैं, लेकिन इस मामले में बच्ची के शरीर का अंश कूलर पर नहीं मिला है। इसलिए यह माना जा रहा है कि कूलर के करंट से उसकी मौत नहीं हुई है।

ऐसे हुई थी घटना

बता दें कि बीते एक अगस्त को दिल्ली कैंट के नांगल इलाके में बच्ची से कथित दरिंदगी का मामला सामने आया था। परिजनों ने आरोप लगाया था कि उनकी बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या की गई। घटना के बाद उन्हें समझाकर शव को जला भी दिया गया था। इस मामले में पुलिस को बच्ची के शव के कुछ अवशेष ही मिले थे। दिल्ली पुलिस ने 30 दिन से पहले ही इस मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। इसमें चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है।

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