Birbhum blast: बीरभूम जिले के खैराशोल में कोयला खदान विस्फोट में मृतकों के परिजनों को 30 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया गया है। यह जानकारी बीरभूम के अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक (बोलपुर) राणा मुखर्जी ने दी। हालांकि दुबराजपुर से भाजपा विधायक अनूप साहा ने घटना की एनआईए जांच की मांग की है। खैराशोल में गंगारामचक माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड (जीएमपीएल) कोलियरी में हुए विस्फोट में सात मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका सिउड़ी सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है।
काम में लापरवाही आ रही सामने
बीरभूम के खैराशोल प्रखंड के लोखपुर थाना अंतर्गत भदुलिया गांव स्थित जीएमपीएल कोलियरी में कोयले के टुकड़ों को तोड़ने के लिए डेटोनेटर और जिलेटिन की छड़ों का इस्तेमाल किया जाता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस दौरान लापरवाही के कारण बड़ा हादसा हुआ। विस्फोट इतना भीषण था कि जिलेटिन की छड़ें ले जा रहा वाहन भी हवा में उड़ गया। इस घटना में सात खदान मजदूरों की मौत हो गई, जिनके नाम जयदेव मुर्मू, सोमलाल हेम्ब्रम, मंगल मरांडी, जुडू मरांडी, पलाश हेम्ब्रम, रूबीलाल मुर्मू और अमित सिंह हैं। हालांकि, सोमवार दोपहर को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने सिर्फ छह लोगों की मौत की पुष्टि की है। मृतकों की उम्र 30 से 35 साल के बीच बताई जा रही है। उनके शव खदान में क्षत-विक्षत हालत में मिले थे, जिन्हें अब बरामद कर लिया गया है। साथ ही तीन घायल मजदूरों का इलाज सिउरी सदर अस्पताल में चल रहा है।
सरकारी नौकरी के साथ मुआवजे का ऐलान
बीरभूम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राणा मुखर्जी ने बताया कि फोरेंसिक टीम को सूचना दे दी गई है और वे आकर नमूने एकत्र करेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को 30 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को होमगार्ड की नौकरी देने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा, “खदान मालिक हमारे साथ सहयोग कर रहे हैं। हमने शव बरामद कर लिए हैं और तीन घायलों का इलाज चल रहा है। भविष्य में अगर किसी को मालिकों के खिलाफ कोई शिकायत है तो जांच कराई जाएगी।”
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बीजेपी ने NIA जांच की मांग
दूसरी ओर, दुबराजपुर के बीजेपी विधायक अनूप साहा ने घटना की एनआईए जांच की मांग की है। उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की और आरोप लगाया कि खदान से उचित ढांचे के बिना कोयला निकाला जा रहा था। उन्होंने कहा, “यह बहुत दुखद घटना है। इतने लोगों की जान चली गई, इतने लोग घायल हो गए। यह खदान प्रशासन की मिलीभगत से चल रही थी। जंगल काटकर खनन किया जाता है, ओवरलोड वाहन आते हैं और बहुत गहराई तक खनन किया जाता है। साथ ही, विस्फोटक सामग्री से लदे वाहन खुली सड़कों से आ रहे हैं। अगर यह विस्फोट आबादी वाले इलाके में होता तो क्या होता? प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। इसलिए हम एनआईए जांच चाहते हैं, ताकि सच्चाई सामने आ सके।”
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