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Corona effect third wave : कोरोना की तीसरी लहर का बीमा कंपनियां पर क्या पड़ा असर ?

corona- third-wave-affect-life-insurance नई दिल्लीः भारत में कोरोना वायरस (Corona virus) कहर लगातार जारी है। देश में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 4,48,45,401 पहुंच गई है। जबकि भारत में कोरोना वायरस (Corona effect third wave) से मरने वालों का आंकड़ा 5,31,190 के पार पहुंच चुका है। हालांकि कोरोना वायरस से 4,42,50,649 मरीज स्वस्थ हो भी चुके हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि COVID-19 महामारी ने भारत को बहुत प्रभावित किया है। कोविड से लोगों के जीवन में बहुत सारे बदलाव आए हैं। कोरोना की तीसरी लहर में भी इसके प्रकोप से खुद को और अपने परिवार को बचाने के बारे में चिंतित होना लाजमी है। बढ़ते मामलों को देखते हुए बीमा कंपनियों ने अब नया नियम लागू किया है। इसके तहत जिन लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ है और वो अपने लिए लाइफ इंश्योरेंस लेना चाहते हैं तो उनको पॉलिसी लेने से पहले कम से कम 3 महीने का इंतजार करना होगा। क्योंकि कोरोना संक्रमण (Corona effect third wave) से उबरने के तीन माह तक किसी भी व्यक्ति को कोई इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं मिल पाएगी। जीवन बीमा कंपनियों ने ऐसे लोगों के लिए इंश्योरेंस लेने का वेटिंग पीरीयड 3 महीने कर दिया है जो कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। कोविड की चपेट में आ चुके लोगों पर लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों का ये नया नियम खासा असर डाल सकता है। यहीं पर जीवन बीमा पॉलिसी आपकी मदद कर सकती है। ये भी पढ़ें..Sukanya Samriddhi Yojana: छोटे से निवेश से होगा लाखों का लाभ, जानिए पूरी डिटेल

जीवन बीमा कंपनियों ने क्यों बदला नियम

दरअसल कोरोना से पिछले 3 सालों में देश में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है और जीवन बीमा कंपनियों के पास भारी संख्या में डेथ क्लेम आए हैं। इस कारण जीवन बीमा कंपनियों का खर्च भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है। यही वजह की लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों 3 महीने के वेटिंग पीरियड वाला नियम लेकर आई हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, टर्म इंश्योरेंस प्लान का जीवन बीमा कंपनियों द्वारा पुनर्बीमा किया जाता है लेकिन बीते 3 साल से बीमा सेक्टर का जो हाल है, उससे जीवन बीमा कंपनियों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है।

आखिर 3 महीने का समय ही क्यों

आपको बता दें कि कोरोना (Corona effect third wave) की चपेट में आया व्यक्ति लगभग 3 महीने के बाद संक्रमण के असर से पूरी तरह मुक्त हो जाता है। बीमा कंपनियां भी इस समय तक इंतजार करती हैं और जो लोग कोविड के बाद लाइफ इंश्योरेंस लेना चाहते हैं उनको भी इंतजार करने को कहती है। 3 महीने के बाद बीमा कंपनियां नुकसान की संभावनाओं को ध्यान में रखकर और खतरे की आशंकाओं के उचित आकलन के बाद बीमा मुहैया कराती हैं। यही नहीं इंश्योरेंस कंपनियां भी अपना इंश्योरेंस कराती है। इन्हें बीमा देने वाली कंपनियां री-इंश्योरेंस कंपनियां कहलाती हैं। उन्होंने भी जीवन बीमा कंपनियों से कहा है कि वो कोविड झेल चुके लोगों के लिए 3 महीने का वेटिंग पीरियड जरूर रखें।

क्या है जीवन बीमा पॉलिसी

दरअसल एक जीवन बीमा पॉलिसी एक व्यक्ति और एक बीमा आपूर्तिकर्ता के बीच एक व्यवस्था है, जिसमें बीमा संगठन पॉलिसी धारक को मासिक भुगतान (प्रीमियम के रूप में जाना जाता है) के बदले में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। जीवन बीमा पॉलिसी के तहत बीमा कंपनिया पॉलिसी धारक के निधन या पॉलिसी के पूर्ण होने पर एक निश्चित समय के बाद पॉलिसी धरक या उसके परिवार को एक साथ राशि का भुगतान करती। व्यक्तिगत आवश्यकताओं और पॉलिसी खरीदारों की आवश्यकताओं के अनुरूप जीवन बीमा पॉलिसियों के विभिन्न प्रकार हैं। ये भी पढ़ें..Atal Pension Yojna: क्या हैं अटल पेंशन योजना के लाभ, जानें इस स्कीम की पूरी जानकारी

कोविड फार्म भरना हुआ जरूरी

अब कोई भी जीवन बीमा पॉलिसी कराने से पहले लोगों को अनिवार्य रूप से एक कोविड फॉर्म भरना होगा। इसमें अन्य चीजों के अलावा यह भी पूछा जाता है कि क्या आपको पिछले 90 दिनों में वे कोविड से प्रभावित हुए हैं या नहीं। इसके आधार पर संक्रमण के परीक्षण के परिणाम भी मांगे जाते हैं।

अब बीमा पॉलिसी खरीदना मुश्किल

एक वरिष्ठ इंश्योरेंस विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड प्रभावित (Corona effect third wave) शख्स के लिए बीमा पॉलिसी खरीदना अब मुश्किल हो गया है। कोरोना से पहले 40 साल के लोगों को आसानी से 25 करोड़ रुपए का रिस्क कवर मिल जाता था, लेकिन अब 10 करोड़ रुपए का ही रिस्क कवर मिल रहा है। 50 साल के लोगों के लिए तो यह कवर और भी कम हो गया है। 50 साल के लोगों को रिस्क कवर लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बीमा कंपनियों ने बढ़ाया प्रीमियम कोरोना महामारी के बाद बीमा कंपनियों ने लाइफ , हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़े नियमों में कई बदलाव किए हैं। सभी तरह के प्लान पर प्रीमियम को बढ़ा दिया गया है। क्योंकि देशभर में महामारी के दौरान बीमा कंपनियों को भारी संख्या में क्लेम मिले। जिससे इंश्योरेंस कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी (Corona effect third wave) के कारण बीमा कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है। स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र की कई कंपनियां अस्पताल में भर्ती होने के खर्च के दावों की समीक्षा कर रही हैं और अपना प्रीमियम बढ़ाने पर विचार कर रही हैं। यहां केयर हेल्थ इंश्योरेंस अपनी कुछ पॉलिसियों पर प्रीमियम 8 से 10 फीसदी तक बढ़ाने की सोच रही है। साथ ही कई बीमा कंपनियों प्रीमियम बढ़ा दिया है। इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी स्टार हेल्थ इंश्योरेंस भी कुछ पॉलिसी महंगी करने पर विचार कर रही है। corona-life-insurance नए नियम इंश्योरेंस की मांग को कर सकते है प्रभावित कोरोना के चलते इंश्योरेंस पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। बीमा कंपनियों ने भी नए नियम लागू करने के साथ बीमा प्रीमियम बढ़ा दिए है। ऐसे समय में जब बीमा प्रीमियम बढ़ गया है, नए नियम बीमा की मांग को भी प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि कोरोना अभी भी तेजी से फैल रहा है। दूसरी लहर की तुलना में भले ही यह कम गंभीर हो, पर अधिक लोगों को प्रभावित कर रहा है। कोविड संक्रमण के कारण टर्म प्लान की मांग को प्रभावित हो सकती है। हालांकि बीमा कंपनियां को विश्वास है कि इन शर्तों से इंश्योरेंस की मांग में कोई कमी नहीं आएगी। जानकारों का कहना है कि कोविड से सभी लोग प्रभावित नहीं हुए हैं और कुछ दिनों के इंतजार के बाद टर्म प्लान खरीदा जा सकता है। बाजार बड़ा है और अवसर बड़े हैं, इसलिए मांग पर इतना असर नहीं पड़ने वाला। इंश्योरेंस क्लेम के केस बढ़े वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान कोविड महामारी के के दौरान बीमा कंपनियों के डेथ क्लेम में 73.41 प्रतिशत की वृद्धि हुई। IRDA के मुताबिक, बीमाकर्ताओं ने 2021-22 के दौरान 15.87 लाख पॉलिसियों से जुड़े 45,817 करोड़ रुपये के क्लेम का भुगतान किया है। इनमें से 17,269 करोड़ रुपये के क्लेम कोविड से हुई मौतों के कारण दिया गया था। IRDA ने बीमाकर्ताओं से आग्रह किया कि वे सूचीबद्ध अस्पतालों को कोविड अस्पताल में भर्ती होने के लिए राशि जमा करने से रोक दें क्योंकि कुछ अस्पताल कैशलेस पॉलिसी होने के बावजूद कोविड उपचार के लिए जमा राशि मांग रहे थे। इसके साथ ही बीमाकर्ताओं ने नियामक से ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल को लेकर धोखाधड़ी के मामलों की शिकायत की है। corona-cases-in-jharkhand कैसे फैलता है कोरोना वायरस, इससे बचने के उपाय कोरोना एक ऐसा वायरस (Corona effect third wave) है जो तेजी से फैलता है। यह तब तेजी से फैलता है जब एक संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, या जब आप एक संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधे संपर्क में आते हैं। यह वायरस संक्रमित सतहों को छूने से भी फैलता है। इन प्रमुख स्वच्छता सुझावों का पालन करके आप अपनी सुरक्षा कर सकते हैं।
  • करीब 20 सेकंड के लिए अच्छी तरह से हाथ धो लें
  • दूसरों से करीब एक मीटर की दूरी बनाए रखें
  • शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए स्वस्थ खाद्य पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करे
  • बिना हाथ साफ किए मुंह,नाक और आंखों को छूने से बचें
  • कोरोना से बचने लिए दिन में कई बार साबुन और पानी या हैंड सैनिटाइजर से हाथ साफ करें
  • खांसी या छींक आने पर अपने मुंह को अपने हाथ या कोहनी से ढक लें
  • कोविड से बचने के लिए अनावश्यक यात्रा व भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचें
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