भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। कांग्रेस के महामंत्री मीडिया प्रभारी के.के. मिश्रा ने भाजपा सरकार पर प्रदेश में दो कानून एक आम व्यक्ति के लिए और दूसरा अपनी विचारधारा से संबद्व लोगों को राहत पहुंचाने के लिए संचालित किये जाने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं उन्होंने भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सिंधिया को अघोषित मुख्यमंत्री बताया है।
कांग्रेस नेता के के मिश्रा ने शनिवार को पीसीसी में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश में एक लोकतांत्रिक सरकार नहीं होने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां दो सरकार, दो संविधान, दो मुख्यमंत्री और दो कानूनों के माध्यम से प्रदेश सरकार द्वारा दोहरी व्यवस्था संचालित की जा रही है, जो भविष्य के लिए एक घातक संकेत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निरंतर ध्वस्त होते जा रहे गुड-गवर्नेंस की असफलता से चिंतित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कथित कसावट वाली अपनी छवि प्रदर्शित करने हेतु प्रचारवादी राजनेता के रूप में सार्वजनिक मंचों पर कह कुछ और रहे हैं और कर कुछ और रहे हैं! मसलन, प्रदेश में गरीबों के राशन पर डाका डालने, मिलावटखोरों और मुनाफाखोरों के खिलाफ कई सार्वजनिक मंचों से उन्होंने इनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने, एफआईआर करने, यही नहीं अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि एफआईआर का मतलब सिर्फ कार्यवाही ही नहीं उन्हें जेल भेजा जाये, किंतु इतने बड़े गंभीर मामलों में उनका दोहरा आचरण सामने आया है। के के मिश्रा ने कई मामलों का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां दो कानून एक आम व्यक्ति के लिए और दूसरा अपनी विचारधारा से संबद्व लोगों को राहत पहुंचाने के लिए संचालित किये जा रहे हैं।
सिंधिया को बताया अघोषित मुख्यमंत्री
के के मिश्रा यही नहीं रूके उन्होंने सिंधिया को अघोषित मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि आईपीसी, सीआरपीसी और रासुका में निरूद्ध किये जाने वाले कानूनों की भी दोहरी व्याख्या की जा रही है। एक कानून जिसे राजनैतिक आधार पर शिवराज सरकार क्रियान्वित कर रही है, वहीं दूसरा कानून ‘‘अघोषित मुख्यमंत्री’’ सिंधिया सरकार द्वारा ग्वालियर-चंबल संभाग में राजनैतिक बदले की भावना से संचालित किया जा रहा है। सिंधिया के निर्देश पर ग्वालियर कलेक्टर विपक्ष, उसके मातहत संगठनों के विरूद्व बदले की भावना से कार्यवाहियां कर उनका मनोबल तोड़ रहे हैं।
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गायों की मौत पर उठाए सवाल
के के मिश्रा ने कहा कि बीते 30 जनवरी को राजधानी भोपाल से सटे बैरसिया के ग्राम बसई में जिसे भाजपा नेत्री निर्मला शांडिल्य द्वारा संचालित गौसेवा भारती गौशाला में पाये गये सैकड़ों गायों के कब्रिस्तान, पाये गये नरकंकाल, चार एकड़ जमीन पर किये गये अवैध कब्जे से संबद्ध मामले में भी राज्य सरकार के खिलाफ दोहरे चरित्र और दो कानून अपनाने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और सरकार आरोपित महिला को बचा रही है। यदि भाजपा सरकार गोमाता के प्रति वास्तव में ईमानदार है तो आरोपित महिला के खिलाफ रासुका के तहत कार्यवाही क्यों नहीं की गई? उसके अवैध निर्माण को ध्वस्त क्यों नहीं किया गया, उसके विरूद्ध गौहत्या का मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया और वह आज तक गिरफ्तारी से क्यों,कैसे बची हुई है?
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