लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने बुन्देलखण्ड दौरे के दूसरे दिन बुधवार को महोबा में अर्जुन सहायक परियोजना के अंतर्गत निर्मित लहचूरा बांध का स्थलीय निरीक्षण किया। इस परियोजना की कुल लागत 2600 करोड़ रुपये है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर बुन्देलखण्ड का विकास नहीं करने और परियोजनाओं को लम्बित रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने 168 गांवों को सिंचाई सुविधाओं से वंचित रखा। अब जब पानी खेतों में पहुंचेगा तो बुन्देलखण्ड की खेती सोना उगलने का काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी भारत की संस्कृति और परम्परा का आधार रही है। नदी जल की पवित्र स्त्रोत दाता रही है और इसीलिए हम लोगों ने हर एक नदी को मां का सम्बोधन देकर गंगा मैया के रूप में पूजा की है, लेकिन समय और परिस्थिति के अनुरूप एक-एक बूंद जल का उचित नियोजन हो सके। इसके लिए जो प्रयास प्रारंभ होने चाहिए थे, आजादी के बाद हमेशा आवश्यक धन की उपलब्धता इस मार्ग में आड़े आ जाती थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना ने मूर्त रूप लिया और दशकों से लम्बित सिंचाई की परियोजनाएं आज आकार ले रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्जुन सहायक परियोजना की बात करें तो यह धसान नदी से सम्बधित है। बुन्देलखण्ड के महोबा, हमीरपुर और बांदा जनपद इससे पूरी तरह लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि 168 ग्राम और 1.50 लाख किसानों को इससे लाभ मिलेगा। परियोजना से 4 लाख लोगों को पेयजल की उपलब्धता के साथ ही 15000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई इससे हो सकेगी।
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उन्होंने कहा कि परियोजना से 44381 हेक्टेयर नवीन क्षमता का सृजन होना है। इसमें महोबा का 29680 हेक्टेयर, हमीरपुर का 12201 हेक्टेयर और बांदा का 2500 हेक्टेयर शामिल है। इस तरह यह परियोजना पूरे क्षेत्र में किसानों के जीवन में एक नया परिवर्तन का कारण बनने वाली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि अगले एक डेढ़ महीने के अंदर इस परियोजना को पूरा कर लें। जैसे ही यह पूर्ण होगी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस परियोजना का लोकार्पण करेंगे। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य से वह यहां निरीक्षण करने के लिए आए हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा कि अब तक जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह को लोग हैंडपम्प मंत्री मानते थे, लेकिन उन्होंने जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से जो परिवर्तन किया है, उससे अब वह सिंचाई मंत्री के साथ-साथ जल की शक्ति का भी एहसास करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इसकी जिम्मेदारी ले रही है और इसलिए जल शक्ति मंत्री मंत्रालय पेयजल के लिए भी काम करेगा। ट्यूबवेल के लिए भी काम करेगा, हैंडपम्प की मरम्मत करने का भी काम करेगा।