लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जब सामूहिक विवाह योजना गरीब परिवारों के लिए शुरू की थी तो उस समय विपक्ष के लोगों ने इस पर उंगली उठाई थी। उन्होंने इसे कन्या और गरीब का अपमान बताया था, लेकिन देखते ही देखते लगभग पौने दो लाख गरीब कन्याओं की शादी केवल सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को रायबरेली रोड स्थित वृंदावन योजना में निर्माण श्रमिकों की 3,507 पुत्रियों के सामूहिक विवाह समारोह के वृहद आयोजन में शामिल होने के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार ने लोक कल्याण के अनेक कार्यक्रम आयोजित किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दिनों मुरादाबाद में 2,700 जोड़े वैवाहिक सूत्र के बंधन में बने। वहीं आज 3,507 जोड़ों के परिवार वालों को कन्यादान का सौभाग्य इस अवसर पर प्राप्त हो रहा है। सबके सहयोग से हम लोगों को भी इससे जुड़ने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कन्यादान भारत की परम्परा में बहुत पवित्र दान माना गया है। कई यज्ञों से ज्यादा फलदायी माना गया है और इस कार्य के प्रति जो फल आपको प्राप्त होने जा रहा है, उसमें हमें भी इसके सहभागी बनने का सौभाग्य मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने समाज कल्याण विभाग द्वारा गरीब कन्याओं की शादी के लिए सामूहिक विवाह योजना लागू की थी, तो कहा था कि किसी भी जाति की कन्या है, अगर सामूहिक विवाह के आयोजन के साथ उसका परिवार सहमत है, तो सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी और खर्च उठाएगी।
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उन्होंने कहा कि इस समय हम 51,000 हजार रुपये मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में गरीब परिवारों को उपलब्ध करवाते हैं। श्रमिक राष्ट्र का निर्माता है और इसलिए उसके सुख-दुख में सहभागी बनना यह किसी भी लोक कल्याणकारी सरकार का पहला कर्तव्य बनता है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोगों से कोरोना संक्रमण को लेकर सर्तकता बरतने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्षों से पूरा प्रदेश और देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इस पवित्र मांगलिक कार्यक्रम के साथ जुड़े लोग लापरवाही न बरतें।