राजस्थान

सीएम गहलोत ने दिए निर्देश, मरीज को भर्ती अथवा रेफर के लिए मिलेगी निशुल्क एम्बुलेंस सुविधा

Ashok Gehlot.

जयपुरः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में कोविड-19 महामारी से संबंधित समस्याओं के लिए एक ही टेलीफोन नंबर पर प्राप्त कर उनके समयबद्ध, त्वरित निस्तारण करने, रोगियों को आवश्यक सलाह देने और दवा आदि उपलब्ध कराने के लिए आदेश जारी किए हैं। इसके तहत मरीजों को कोविड डेडीकेडेट अस्पतालों, कन्सलटेशन सेंटर, उपचार केन्द्रों, निजी चिकित्सालयों में बेड, ऑक्सीजन सुविधा, वेंटीलेटर आदि की उपलब्धता की रियल टाइम जानकारी और मरीज को भर्ती रेफर तथा डिस्चार्ज करने पर एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता वाले मरीज को किसी भी स्थिति में भर्ती के लिए मना नहीं किया जाएगा।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार इसके लिए राज्यस्तरीय वार रूम संचालित किया जा रहा है, जिसका हेल्पलाइन नंबर 181 है। साथ ही, सभी जिलों के प्रमुख कोविड डेडीकेडेट अस्पतालों में भी जिलास्तरीय वार रूम और हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश के अनुसार, सभी जिलास्तरीय वार रूम के साथ-साथ प्रदेश में खण्ड स्तर पर स्थापित कोविड कन्सल्टेंशन सेंटर और कोविड केयर सेंटर पर भी मरीजों को भर्ती करने अथवा डेडीकेटेड अस्पताल में रेफर करने के लिए पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस की उपलब्धता की जाएगी। मरीजों के लिए यह एम्बुलेंस सुविधा पूर्णतः निशुल्क रहेगी। एम्बुलेंस के रूप में जिले में उपलब्ध 108 और 104 सेवा के वाहनों का उपयोग किया जाएगा तथा आवश्यकता होने पर संबंधित जिला कलेक्टर निजी एम्बुलेंस का अधिग्रहण अथवा किराये पर संचालन भी कर सकेंगे।

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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार, होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड मरीज किसी चिकित्सकीय सलाह या दवा के लिए अथवा अस्पताल में उपचार या भर्ती के लिए राज्यस्तरीय अथवा जिला स्तरीय वार रूम पर संपर्क कर सकेंगे। हेल्पलाइन पर मरीज की समस्या की जानकारी वार रूम के प्रभारी अधिकारी के माध्यम से राजस्थान संपर्क पोर्टल और जिला स्तरीय नोडल अधिकारी को वाट्सएप पर भेजी जाएगी। जिला स्तर पर सहायता के लिए काॅल प्राप्त होने के बाद आधे घंटे के अंदर संबंधित नोडल अधिकारी द्वारा मरीज को आवश्यकतानुसार चिकित्सकीय सलाह, दवा, उपचार के लिए भर्ती की व्यवस्था करना सुनिश्चित कराकर मरीज अथवा उसके परिजन को सूचना दी जाएगी तथा राजस्थान संपर्क पोर्टल पर निस्तारण की जानकारी दर्ज करायी जाएगी। जारी निर्देशों के अनुसार, जिला स्तर पर नोडल अधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता वाले मरीज को किसी भी स्थिति में भर्ती के लिए मना नहीं किया जाए।