शिमला : बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर सोमवार को 68 बच्चों ने हिमाचल विधानसभा सत्र (Himachal vidhan sabha bal satra) का संचालन किया। विधानसभा का एक अलग ही नजारा था जब अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के रूप में 68 बच्चों ने विधानसभा सत्र का संचालन किया और सत्र के दौरान उन्होंने विभिन्न मुद्दों को उठाया और विभिन्न विषयों पर सवालों के जवाब दिए। लोकतंत्र के मंदिर में बच्चों की क्षमता देखकर मुख्यमंत्री समेत दिग्गज नेता गदगद हो गए।
बच्चों की सरकार की कार्रवाई को देखते हुए सीएम सुक्खू ने तो यहां तक कह दिया कि हिमाचल का भविष्य सुरक्षित है। मुख्यमंत्री ने बाल सत्र (Himachal vidhan sabha bal satra) के दौरान स्कूलों में योग अभ्यास के लिए विशेष सत्र आयोजित करने के सुझाव पर विचार करने का आश्वासन दिया, साथ ही कहा कि बाल सत्र के दौरान आए अन्य सुझावों पर राज्य सरकार गंभीरता से विचार करेगी।
पर्यटन, सड़क हादसों और नशे के मुद्दों को उठाया –
बाल सत्र (Himachal vidhan sabha bal satra) में बच्चों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल श्रम, विशेष बच्चों को सुविधाएं प्रदान करने, पर्यटन को बढ़ावा देने, सड़क दुर्घटनाओं और नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने जैसे ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की। मजे की बात यह है कि विपक्ष की भूमिका निभा रहे बच्चों ने आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बाल सत्र के दौरान प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही भी आयोजित की गई। करीब डेढ़ घंटे तक बाल विधायकों ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
जाह्नवी सीएम, रुहानिका बनीं विपक्ष की नेता –
हिमाचल विधानसभा में सोमवार को बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर पहली बार बाल सत्र (Himachal vidhan sabha bal satra) आयोजित किया गया। सुबह 11 बजे से बच्चों का सत्र शुरू हुआ। विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री सहित 13 कैबिनेट मंत्री, तीन राज्य मंत्री और चार संसदीय सचिव चुने गए। युवा मंत्री हर सवाल के लिए पूरी तैयारी के साथ सदन में आए थे। जहां जाह्नवी मुख्यमंत्री और सदन की नेता बनीं, वहीं रुहानिका वर्मा ने नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई।
ये भी पढ़ें..भाजपा को मजबूती देने Himachal पहुंचे जेपी नड्डा, बोले- चारों सीटों पर खिलेगा कमल
प्रश्नकाल के दौरान गरमागरम बहस –
लविश नेगी विधानसभा के अध्यक्ष बने और विधायकों को सवाल पूछने के साथ-साथ संबंधित मंत्रियों को जवाब देने के लिए आमंत्रित किया। असहमति पर सदन में विपक्ष की नाराजगी और अध्यक्ष के प्रति सम्मान दिखाने वाले सदस्यों की आज्ञाकारिता ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। प्रश्नकाल के दौरान बाल विधायकों ने स्कूलों में करियर काउंसिलिंग, पर्यावरण संरक्षण, नशाखोरी की रोकथाम से जुड़े सवालों के जवाब दिए, जिसमें पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताई बारीकियां –
वहीं, सत्र की शुरुआत में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बच्चों को विधायी प्रक्रिया की बारीकियां समझाईं. पठानिया ने बच्चों को बताया कि शिमला विधानसभा में आजादी से पहले विट्ठलभाई पटेल जैसे महान देशभक्तों ने इस सदन में अध्यक्ष पद की गरिमा को बढ़ाया।
बच्चों ने पूछे राज्य से जुड़े सवाल- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सदन में सवाल पूछने वाले बच्चे राज्य से संबंधित थे, बच्चों ने सरकार द्वारा पेश बजट से मिलते-जुलते सवाल पूछे। पिछले पांच महीनों के राज्य की स्थिति से संबंधित प्रश्न पूछे गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में शिक्षा के साथ-साथ अनुभव भी जरूरी है और कहा कि राजनीति में ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने कम पढ़े-लिखे होने के बावजूद अनुभव के आधार पर अच्छा काम किया है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)