प्रदेश हरियाणा

स्वास्थ्य मंत्री की मदद से बच्चे को मिला नया जीवन, इस बीमारी से था पीड़ित

  अम्बालाः राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हरियाणा में अप्लास्टिक एनीमिया का पहला मामला सामने आया है। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा बड़ा फैसला लिया गया। स्वास्थ्य मंत्री के प्रयास से बच्चे को राशि उपलब्ध कराई गई। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दूसरी किस्त के लिए पांच लाख रुपये का चेक सौंपा, 10 लाख रुपये पहले जारी किये गये थे। हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज की बदौलत अंबाला छावनी के बोह निवासी एक लड़के को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नया जीवन मिला है। बच्चा अप्लास्टिक एनीमिया (रक्त न बनने की बीमारी) से पीड़ित है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के प्रयास से इस बच्चे के इलाज के लिए 15 लाख रुपए जारी किए गए हैं। इस बच्चे का पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ में इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने 16 वर्षीय बच्चे को आज (गुरुवार को) उसके आवास पर पांच लाख रुपये की दूसरी किस्त का चेक सौंपा और उसके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। इससे पहले बच्चे के इलाज के लिए दस लाख रुपये की राशि सितंबर 2021 में दी जा चुकी है। लड़के और उसके परिवार वालों ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर सिविल सर्जन अंबाला डॉ. कुलदीप सिंह सहित डॉ. हितेश सहित अन्य मौजूद रहे। गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के प्रयासों से अप्लास्टिक एनीमिया रोग को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल किया गया था और अब इस बीमारी से ग्रसित मरीज को इलाज के लिए आर्थिक मदद मिल सकेगी।

हरियाणा में आर्थिक सहायता मिलने का पहला मामला : डॉ. कुलदीप सिंह

अंबाला के सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा कि लड़के के परिवार ने पहले स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से इलाज के लिए आर्थिक मदद करने की अपील की थी। तब इस बीमारी को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया था। अनिल विज के प्रयास से इस बीमारी को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल किया गया। हरियाणा में अप्लास्टिक एनीमिया का यह पहला मामला है, जिसके तहत बच्चे को इलाज के लिए कुल 15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा सकती है। यह भी पढ़ेंः-पंचतत्व में विलीन हुए भाजपा नेता रतन लाल कटारिया, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार इस बीमारी का इलाज और दवाइयां महंगी हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री की वजह से इस बीमारी को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल कर आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में जन्मजात बीमारियों को कवर किया जाता है और उपचार से पहले राशि प्रदान की जाती है। कार्यक्रम के तहत, 2014 से अंबाला जिले में 416 बच्चों को 4.09 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)