रायपुरः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार देर शाम असम से रायपुर पहुंचे। एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बीजापुर में मुठभेड़ नहीं, युद्ध था। आमने-सामने की लड़ाई चल रही थी, चार घंटे तक राकेट लांचर और गोलीबारी चल रही थी। हमारे जवान बहादुरी से लड़े हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहीद जवानों की शहादत को नमन भी किया और घायल जवानों की बहादुरी को सैल्यूट किया। रायपुर पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों से चर्चा की और नक्सल हमले को लेकर अफसरों से हालात की जानकारी ली।
उन्होंने प्रेस वार्ता में घटना के बारे में बताया कि बीजापुर के तर्रेम में बड़ी नक्सली घटना हुई है। हिड़मा की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद 2000 जवानों की पांच टुकड़ी को आपरेशंस पर भेजा गया था। चार टुकड़ी सकुशल लौट गयी थी, जबकि आखिरी टुकड़ी, जिसमें सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के जवान थे, उस पर नक्सलियों ने छुपकर हमला किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस एरिया में आपरेशंस के लिए जवान निकले थे, वो नक्सलियों का गढ़ है। वहां छुपकर हमला किया गया, जिसमें जवानों ने मजबूती के साथ मुकाबला किया। यह मुठभेड़ नहीं युद्ध था, जिसमें सामने से गोलियां-बम और राकेट लांचर चल रहे थे। लेकिन चार घंटे के मुकाबले में कोर्डिनेशन इतना तगड़ा था कि जवान ना सिर्फ खुद निकलकर बाहर आये, बल्कि हथियार भी लाये और अपने साथी घायल जवान को भी लेकर आये। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलियों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। चार ट्रैक्टर में नक्सली घायल जवान और मारे गये नक्सली को लेकर गये हैं। मुख्यमंत्री ने किसी भी तरह की चूक के इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यह चूक नहीं है। हमारे जवान घेरने निकले थे, किसी कैंप पर हमला नहीं हुआ है।