नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस सब-इंस्पेक्टर (जेकेपीएसआई) परीक्षा के पेपर लीक मामले में जम्मू, पठानकोट, रेवाड़ी और करनाल में सात स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने गिरफ्तार आरोपी यतिन यादव और सीआरपीएफ कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह समेत अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की। सीबीआई ने अब तक कुल 61.79 लाख रुपये की नकदी बरामद की है साथ ही सीबीआई अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
जांच के दौरान पता चला कि प्रिंटिंग प्रेस के पैकिंग इंचार्ज ने जेकेपीएसआई परीक्षा के प्रश्नपत्र को पैक करते समय कथित तौर पर चुरा लिया और रेवाड़ी के यतिन यादव को बेच दिया, जिसे सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने कहा- यादव ही वह व्यक्ति था जिसने लीक हुए प्रश्न पत्र की बिक्री के वास्ते अभ्यर्थी ढूंढ़ने के लिए जम्मू-कश्मीर स्थित अन्य दलालों से संपर्क किया था।
जम्मू-कश्मीर के दलाल कथित तौर पर परीक्षा से एक दिन पहले उम्मीदवारों को जम्मू से करनाल (हरियाणा) ले गए। सोमवार को गिरफ्तार किए गए आरोपी जम्मू-कश्मीर पुलिस के एएसआई अशोक कुमार द्वारा उम्मीदवारों को करनाल ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था की गई थी। करनाल के आरोपी ने करनाल में अभ्यर्थियों को लीक हुए प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के लिए होटल की व्यवस्था की थी। सीआरपीएफ के कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह ने कथित तौर पर कुछ अभ्यर्थियों को लीक हुआ प्रश्नपत्र मुहैया कराया।
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सीबीआई ने 3 अगस्त को जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर 33 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय, पलौरा, तत्कालीन सदस्य, जेकेएसएसबी, तत्कालीन अवर सचिव, तत्कालीन अनुभाग अधिकारी (जेकेएसएसबी दोनों), पूर्व अधिकारी सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एएसआई, अखनूर में एक कोचिंग सेंटर के मालिक, बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी और अज्ञात अन्य शामिल थे।
परिणाम 4 जून को घोषित किए गए थे। परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक जांच समिति का गठन किया था। यह आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने जेकेएसएसबी, बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी, लाभार्थी उम्मीदवारों और अन्य अधिकारियों के साथ साजिश रची और उप-निरीक्षकों के पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित करने में घोर अनियमितताएं कीं। जम्मू, राजौरी और सांबा जिलों से चयनित उम्मीदवारों का असामान्य रूप से उच्च प्रतिशत था। जेकेएसएसबी द्वारा नियमों का उल्लंघन कथित रूप से बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी को प्रश्न पत्र सेट करने का कार्य सौंपने में पाया गया था।
इससे पहले 5 अगस्त को जम्मू, श्रीनगर, बेंगलुरु सहित 30 स्थानों पर आरोपियों के परिसरों में तलाशी ली गई थी। जांच से पता चला है कि इच्छुक उम्मीदवारों और उनके परिवारों द्वारा कथित तौर पर 20 से 30 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। इस संबंध में, हरियाणा में अधिवासित एक गिरोह, जम्मू-कश्मीर के कुछ शिक्षकों, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जेकेएसएसबी के कुछ सेवारत/सेवानिवृत्त कर्मियों की संलिप्तता कथित रूप से सामने आई है। मामले में आगे की जांच जारी है।
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