बोम्मई बोले- देश को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे सीडीएस रावत

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बेंगलुरू: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत ‘ के पक्षधर थे और उन्होंने देश में हथियारों तथा रक्षा उपकरणों के उत्पादन को शुरू करने में अहम भूमिका अदा की थी। श्री बोम्मई ने गुरूवार को विधान सौंध में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा जनरल रावत ने डीआरडीओ को प्रोत्साहन देने में काफी अहम भूमिका अदा की थी और वह अन्य संगठनों को भी इस तरह की उपलब्धियों को हासिल करने के प्रेरित करते थे।

उन्होंने कहा कि जनरल रावत नवाचार और आधुनिक हथियार प्रणालियों तथा उपकरणों के विकास के अलावा रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में तकनीक को निजी क्षेत्र को हस्तांतरित करने के पक्षधर थे ताकि इस क्षेत्र में उनकी सहभागिता को बढ़ाया जा सके। श्री बोम्मई ने कहा कि उस दुखद हादसे में उनके निधन से पूरा राष्ट्र स्तब्ध है तथा भारतीय वायु सेना उस हादसे की जांच कर रही है। जनरल रावत हमेशा सैनिकों को सीमाओं पर जाकर प्रोत्साहित किया करते थे।

उन्होंने कहा जनरल रावत ने देश की सुरक्षा से जुड़े कई मसलों में अभूतपूर्व रूख अख्तियार किया था और सीमा पर चीन के साथ विवाद के दौरान उनके कड़े रूख को देखते हुए चीनी सैनिकों को वापिस हटना पड़ा था। देश को अभी उनके कुशल नेतृत्व की आवश्यकता थी लेकिन नियति ने उन्हें हमसे छीन लिया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी अदम्य सेवाओं और समर्पण को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें सीडीएस नियुक्त किया था और न केवल रक्षा सेनाओं बल्कि पूरे देश ने एक महान नेता को खो दिया है। उनका जीवन बहुत ही प्रेरणादायक है और हमारे बच्चों को उनकी देशभक्ति तथा बलिदान के बारे में शिक्षा दी जानी चाहिए। श्री बोम्मई ने कहा कि सीडीएस का कर्नाटक खासकर कोडागु से विशेष लगाव था और वह जब भी कोई भाषण दिया करते थे तो उसमें जनरल करियप्पा तथा जनरल थिम्मैया का जरूर जिक्र किया करते थे।

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